भिलाई। विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरू प्रेम रावत का यह मानना है कि गलत लक्ष्यों को चुनना और गलत प्राथमिकताएं तय करना हमारे मन की शांति को भंग कर देता है. इसलिए स्वयं को जानना, अपनी वास्तविक जरूरतों को पहचानना और उनके अनुरूप आचरण करना ही श्रेष्ठ होता है. यूथ पीस फउंडेशन द्वारा एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उनका वीडियो शो किया गया.
श्री रावत बताते हैं कि यह सब दिमाग का खेल है. कोरोना काल ने लोगों से च्वाइस छीन लिया तो बहुत सारे लोग डिप्रेशन में चले गए. कुछ लोगों ने आत्महत्या भी कर ली. जबकि कुछ सालों से लेकर आजीवन कारावास की सजा भोग रहे लोग जीवन भर के लिए चार दीवारी में कैद हो जाते हैं. उनके पास पसंदीदा भोजन तक का च्वाइस नहीं रहता. तो क्या उन सभी को डिप्रेशन में चला जाना चाहिए?
विद्यार्थियों को सोशल मीडिया से दूर रहने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि कहने को तो आज की दुनिया इन्फरमेशन वर्ल्ड है पर वास्तव में चारों तरफ केवल मिस-इन्फार्मेशन ही दिखाई देता है. इन्हीं जानकारियों के आधार पर लोग उत्तेजित हो रहे हैं और अपना सुकून खो रहे हैं.
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यक्रम में फाउंडेशन की तरफ से एस.आर. रात्रे, सुशीला रात्रे, अनिकेत रात्रे, सरिता सिंह, बिजलावती, पुनेश्वर साहू, निधि राय एवं सीमा देवी कार्यक्रम में उपस्थित रहे. महाविद्यालय की उप प्राचार्य सिजी थॉमस एवं एमजे कालेज के सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान किया. प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन ने धन्यवाद ज्ञापन किया. उन्होंने कार्यक्रम को विद्यार्थियों के लिए बेहद उपयोगी बताते हुए कहा कि इस उम्र में मन भटकता है. इसमें न केवल हमारे कीमती वक्त का नुकसान होता है बल्कि कई प्रकार की मुसीबतें भी खड़ी हो जाती हैं. इस कार्यक्रम से विद्यार्थी सकारात्मक गतिविधियों के लिए प्रेरित होंगे.