भिलाई। एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने आज कहा कि समाज को बेटियों के सपनों को समझना होगा और उन्हें साकार करने का वातावरण बनाना होगा. आजादी के बाद बेटियों ने हर क्षेत्र में दस्तक दी है और अपनी क्षमताओं का लोहा मनवाया है. डॉ चौबे आज राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा आयोजित बालिका दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे.
स्वामी विवेकानंद को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में विश्वविद्यालय की उत्प्रेरणा से सभी शिक्षाविदों को स्वामी विवेकानंद के विचारों को जानने और उनकी प्रासंगिकता से जुड़ने का सौभाग्य मिला. विचारों की स्वतंत्रता के हिमायती स्वामीजी का मानना था कि पुरुषों को महिलाओं के लिए कुछ करने की जरूरत नहीं हैं. वे उन्हें कुछ करने की आजादी दें, वे अपना रास्ता स्वयं चुन और तय कर सकती हैं.
राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी शकुंतला जलकारे ने इस अवसर पर कहा कि रासेयो के शिविरों में भी महिला स्वयंसेवकों का सबसे ज्यादा योगदान होता है. ग्रामीण महिलाओं से जुड़कर वे जागरूकता कार्यक्रमों का बेहतर क्रियान्वयन कर पाती हैं. स्वच्छता, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं का बड़ा योगदान है. उन्होंने बताया कि 24 जनवरी, 1966 को इंदिरा गांधी ने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया था. 2008 से हर साल इस तिथि को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है.
इस अवसर पर जेटकिंग की करियर काउंसलर अंजलि राजपूत को श्रीफल देकर सम्मानित किया गया. वे दो दिवसीय कार्यशाला के सिलसिले में महाविद्यालय पधारी थीं. कार्यक्रम को सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने भी संबोधित किया. विद्यार्थियों ने भी अपने विचार रखे. संचालन शिक्षा संकाय की सहायक प्राध्यापक अर्चना त्रिपाठी ने किया. धन्यवाद ज्ञापन कम्प्यूटर साइंस विभाग की प्रभारी पीएम अवंतिका ने किया.