दुर्ग. भारती विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग द्वारा ‘सफेद पोश अपराध’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. रायपुर के एडिशनल एस.पी. (सी.आई.डी.) एन.के. सिक्केवाल कार्यशाला के मुख्य वक्ता थे. श्री सिक्केवाल ने कहा कि हमारी मानसिकता पर हमारे परिवार, समाज, देश का भविष्य निर्भर होता है. जब कोई बच्चा पैदा होता है तो वह न सामाजिक होता है न असामाजिक. परिवेश ही उसे सामाजिक या असामाजिक बनाता है. वह सभी क्रिया कलाप जिसे कानून मना करता है, वह सब अपराध है.
श्री सिक्केवाल ने अपराध के कारणों का जिक्र करते हुए कहा कि बेरोजगारी, आर्थिक तंगी, मानसिकता, परिवेश इत्यादि कारण जिम्मेदार होते हैं. सफेदपोश अपराध में दस्तावेज महत्वपूर्ण होते है. बिना दस्तावेज के सफेदपोश अपराध की कल्पना नहीं की जा सकती. इंसान की और ज्यादा पाने की लालसा उसे अपराध के लिए प्रेरित करती है. उन्होंने असली और नकली नोट की पहचान के बारे में भी बताया.
आरंभ में समाजकार्य विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ. निशा गोस्वामी ने विषय प्रवर्तन किया. इसके बाद विधि संकाय के डीन डाॅ. के.सी. दलाई ने कार्यशाला के उद्देश्यों के बारे में बताया. राजनीति विज्ञान विभाग की सहायक प्राध्यापक डाॅ. संचीता चटर्जी ने मुख्य अतिथि का विस्तृत परिचय दिया.
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुशील चंद्राकर, कुलपति डाॅ. एच.के. पाठक और कुलसचिव डाॅ. वीरेन्द्र कुमार स्वर्णकार की प्रेरणा से आयोजित कार्यक्रम के आरंभ में डायरेक्टर शालिनी चंद्राकर ने मुख्य अतिथि का सम्मान किया. संचालन डाॅ. निशा गोस्वामी ने और धन्यवाद ज्ञापन शालिनी चंद्राकर ने किया. इस अवसर पर डाॅ. आलोक भट्ट डीन अकादमिक, प्रो. डी.सी. परसाई, डीन इंजीनियरिंग, डाॅ. स्वाति पाण्डेय छात्र कल्याण अधिष्ठाता, डाॅ. कुबेर गुरूपंच, डाॅ. सुमन बालियान, डाॅ. विक्रांत डोंगरे, जे. अमित, डाॅ. अमया भोंसले, कृतिका ठाकुर, डाॅ. रेणु वर्मा, डाॅ. स्नेह कुमार मेश्राम, सुचित्रा खैराती, श्रीमती धनेश्वरी साहू सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.