दुर्ग। शासकीय डाॅ वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की निरंतर प्रगति को प्रदर्शित करती एक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें एमए चतुर्थ सेमेस्टर की छात्राओं ने ‘वित्तीय साक्षरता’ एवं द्वितीय सेमेस्टर की छात्राओं ने ‘नगद रहितअर्थव्यवस्था’ पर पोस्टर के माध्यम से अपने विचारों को व्यक्त किया।
प्राचार्य डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी ने पोस्टर गैलरी का अवलोकन कर छात्राओं के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्तीय साक्षरताआज की सामयिक जरूरत है। भारत में विश्व का सबसे ज्यादा डिजिटल लेन-देन हो रहा है आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था पूर्णतः केशलेस हो सकती है जिस का लाभ देश की जनता को मिलेगा।
विभागाध्यक्ष डाॅ. डी.सी. अग्रवाल ने बताया कि अर्थशास्त्र विभाग की छात्रायें समय-समय पर ऐसे ही सामयिक विषयों को लेकर चर्चा, परिचर्चा, पोस्टर प्रदर्शनी एवं पावर प्वाईन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों का विश्लेषण करती है। भारत की 65 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है जिनमें वित्तीय साक्षरता लाना आसान नहीं है किन्तु सरकार की कृतसंकल्पता से आम भारतीयों को वित्तीय रूप से साक्षर कर वित्तीय घोटाले एवं साईबर ठगी से बचा जा सकता है। आज मजदूरी से लेकर माॅल तक भुगतान करने में क्यूआर कोड के प्रयोग को लेकर लोगों में जागरूकता और उत्सुकता बढ़ी है। आॅनलाईन एवं आॅफलाईन की खरीददारी मोबाईल के माध्यम से की जाने लगी है।
आज की प्रदर्शनी में 30 प्रतियोगी छात्राओं ने डाॅ. मुक्ता बांखला एवं प्रोफेसर दीपक कश्यप के मार्गदर्शन में अपनी तैयारी पूर्ण की। द्वितीय सेमेस्टर से प्रथम स्थान- आमिनी साहू, द्वितीय स्थान शिवानी वर्मा, तृतीय स्थान रिफ़त बानो ने प्राप्त किया। इसी तरह चतुर्थ सेमेस्टर से प्रथम स्थान नीतू, द्वितीय स्थान टीटदीप मरकाॅम एवं तृतीय स्थान वंदना सार्वा ने प्राप्त किया।