रायपुर. छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर सभी मैदानी राज्यों को पछाड़ते हुए सर्वाधिक श्रमिक साक्षरता वाले राज्य का दर्जा हासिल कर लिया है. इस दौड़ में केवल पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश और सिक्किम ही उससे आगे हैं. छत्तीसगढ़ के 49.8 फीसदी मजदूर पढ़े- लिखे हैं. हिमाचल प्रदेश 58.1 व सिक्किम 58 प्रतिशत ही हमसे आगे है. उसने गुजरात, कर्नाटक, पंजाब व तमिलनाडू जैसे राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है.
महिलाओं की बात करें तो साक्षरता के मामले में छत्तीसगढ़ देश में तीसरे नंबर पर हैं. यहां की 39.2 प्रतिशत महिलाएं साक्षर हैं. उनसे आगे केवल सिक्किम 47.5 व हिमाचल प्रदेश 52.3 हैं. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की ताजा वार्षिक रिपोर्ट -2022 के अनुसार छत्तीसगढ़ में 60 प्रतिशत पुरुष मजदूर पढ़े-लिखे हैं. जबकि दादरा – नागर हवेली में 70.1 व सिक्किम 67.7 प्रतिशत सीजी से आगे हैं.
गावों में 60.4 प्रतिशत पुरुष व 42.2 प्रतिशत महिलाएं शिक्षित हैं. जबकि शहरों में 63.3 पुरुष व 25.8 प्रतिशत महिलाएं पढ़ी लिखी हैं. यानी गावों में महिला मजदूर ज्यादा और शहर के पुरुष मजदूर ज्यादा पढ़े-लिखे हैं. इधर, देश की राजधानी दिल्ली में केवल 34.8 प्रतिशत श्रमिक पढ़े-लिखे हैं. इनमें पुरुषों 57.5 व महिलाए 9.4 हैौं.
साक्षरता अभियान को मध्यप्रदेश के कोने-कोने तक पहुंचाने वाले प्रो. देवेन्द्र नाथ शर्मा का मानना है कि यह तीन दशकों से चलने वाले अभियान का सुफल है. वे कहते हैं कि साक्षरता मिशन, सर्व शिक्षा अभियान, प्रौढ़ शिक्षा आदि योजनाओं व सामुदायिक सहयोग से काफी प्रयास किए गए. बेटों के साथ बेटियों को भी पढ़ाने अभियान चला. उन्हें सुविधाएं दी गईं. प्रो. देवेन्द्र नाथ शर्मा सम्प्रति पं. सुन्दर लाल शर्मा विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय समन्वयक हैं. उनका विश्वास है कि अब यह संख्या बढ़ती ही रहेगी. वे कहते हैं कि साक्षरता दर बढ़ाने के साथ-साथ शिक्षण की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने की जरूरत है.