बिलासपुर. ग्रीष्म ऋतु के शुरू होते ही अमेरिका एवं यूरोपीय देशों से आए प्रवासी पक्षियों-बतखों के लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है. वापसी की उड़ान से पहले ऐसे ही मेहमान पक्षियों-बतखों की एक तस्वीर वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर शिरीष डामरे ने क्लिक की. बिलासपुर के तखतपुर के पास एक बांध में रुके इन पक्षियों की यह तस्वीर इसलिए भी खास है, क्योंकि इसमें एक ही फ्रेम में 7 प्रवासी पक्षियों-बतखों की प्रजातियां हैं. इनमें रेड क्रेस्टेर्ड पोचार्ड, यूरेशियन कूट, नार्दन पिनटेल, गार्गेनी, ग्रेलैग गूज, कॉमन पोचार्ड, गैडवाल शामिल है.
इनमें शामिल रेड क्रेस्टेर्ड पोचार्ड यूरोप से आते हैं. स्पेन, पुर्तगाल, फ्रांस में सबसे ज्यादा पाए जाते हैं. बिलासपुर के तखतपुर जलाशय के अलावा ये बेमेतरा जिले के गिधवा परसदा, भिलाई-दुर्ग के तालपुरी, जगदलपुर के लामनी, सहित राज्य के अनेक जिलों में आते हैं.
इस तस्वीर में कैद हुए यूरेशियन कूट यूरोप,ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड में पाए जाते हैं. ये पक्षी सर्दियों में भारत आते हैं और गर्मी में लौट जाते हैं. नार्दन पिनटेल उत्तरी अमेरिका व यूरोप के कुछ देशों से आते हैं. ये बिना रुके कई मील उड़ते हैं. यूरोप से आने वाली छोटी बतख गार्गेनी भारत में गर्मियां शुरू होते ही यूरोप लौट जाती हैं. ग्रेलैग गूज यूरोप, एशिया,उत्तरी अफ्रीका से सर्दियों में भारत के कई जगहों पर आते हैं. ये हंस प्रजाति के हैं. कॉमन पोचार्ड ब्रिटेन से यहां आकर झुंड में रहती हैं. हवा को काटने वी आकार बनाती हैं. उड़ते समय इनका फार्मेशन देखने लायक होता है. गैडवाल उत्तरी यूरोप के देशों से सर्दियों में यहां आने वाली बतख सबसे शांत बतखों में से एक है. गर्मियां शुरू होते ही यह प्रजनन के लिए यूरोप और उत्तरी अमेरिकी देशों के लिए रवाना हो जाती है.