छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग अब वाहन चालकों को बिना ट्रेनिंग के लाइसेंस नहीं देगा. लाइसेंस के लिए लिए इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च (ITDR) से सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होगा. हैवी व्हीकल लाइसेंस रिन्यूअल से पहले भी दो दिन का रिफ्रेशर करना होगा. इसके साथ ही निलंबित लाइसेंस धारक भी बिना आईटीडीआर प्रशिक्षण के दोबारा वाहन नहीं चला पाएंगे. आईटीडीआर सेंटर में अत्याधुनिक तरीके से ट्रेनिंग दी जा रही है. दरअसल, पुलिस सड़क हादसों को कम करने की कोशिश कर रही है. आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि देश में वर्ष 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में 1.55 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है. अर्थात औसतन 426 लोग प्रतिदिन या हर घंटे 18 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई. राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो NCRB के अनुसार, पिछले साल देश भर में 4.03 लाख ‘सड़क दुर्घटनाओं’ में मौतों के अलावा 3.71 लाख लोग घायल भी हुए थे. इन हादसों का ठीकरा भले ही भारी वाहनों पर फोड़ा जाता हो पर हकीकत इससे जुदा है. रेड लाइट जम्प करने वालों में सबसे बड़ी संख्या दुपहिया चालकों की होती है. ये कभी भी, किसी भी गाड़ी को कट मारते हैं या ओवरटेक करने की कोशिश करते हैं. ड्राइव करते समय कंधा-कान के बीच मोबाइल फंसा कर बात करने वालों की संख्या भी अच्छी खासी है. 2021 के आंकड़ों को देखें तो सड़क हादसों में प्राण गंवाने वाले 69240 लोग दुपहियों पर सवार थे. दरअसल, अच्छी सड़कें और तेज रफ्तार गाड़ियां हमें रास नहीं आतीं. 2020 में सड़कों पर 364796 मौतें हुईं वहीं 2021 में आंकड़ा बढ़कर 403116 हो गया. मौतों में भी 16.8% की बढ़ोत्तरी हुई. हमें समझना होगा कि मामला अब जागरूकता का नहीं रहा. सबकुछ जानते हुए भी लोग लापरवाह हैं. शान और शेखी बघारने वाली जमात पढ़े लिखे मूर्ख हैं. ऐसे लोगों की गाड़ियां जब्त कर नीलाम कर देना चाहिए. लाइसेंस निलंबित करने पर ये बिना लाइसेंस के ही गाड़ी चला रहे होंगे.
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