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स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ

Jun 21, 2023
National Seminar in SSSSMV Bhilai

भिलाई। वैश्वीकरण के युग में भी साहित्य कोई हल्का सा शब्द नहीं, बल्कि एक भारी भरकम शब्द है. इस आशय का प्रतिपादन हेमचंद विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा ने किया. वे विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज एवं स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं संस्थान के 27 वे वार्षिक अधिवेषन के उद्घाटन समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रही थीं.
डॉ पल्टा ने कहा कि, साहित्य वर्तमान और भविष्य की निरंतर चिंता करता है. साहित्य के क्षेत्र में और कार्य करने की आवश्यकता है. महिलाएँ जब लिखने लगी तब से महिलाओं की स्थिति में सुधार होता गया. हिदीं के प्रचार का पौधा संस्थान ने लगाया है, ये बहुत ही प्रशंसनीय है विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज के अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. शहाबुद्दीन नियाज मुहम्मद शेख पुणे, महाराष्ट्र ने गोष्ठी की अध्यक्षता की. संस्थान के सचिव डॉ. गोकुलेष्वर कुमार द्विवेदी, प्रयागराज ने अपने विश्व हिदीं साहित्य सेवा संस्थान प्रयागराज का परिचय देते हुए बताया कि 15 जून 1996 को स्थापित यह संस्थान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुँच चुका है.
संस्थान द्वारा वर्षभर हिदीं के प्रचार-प्रसार के लिए विविध कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताएँ करायी जाती है. कोरोना काल से आभासी कार्यक्रम आरंभ हुए वर्तमान में प्रतिमाह चार आभासी गोष्ठियों से संस्थान की सक्रियता जारी है. विशिष्ट अतिथी चवानुल रामकृष्ण राव, अध्यक्ष हिंदी प्रेमी मंडली, हैदराबाद, तेलंगाना ने कहा कि दक्षिण भारत में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए सैकड़ों स्वयंसेवी संस्थाएं है. संस्थान के अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. शहाबुद्दीन नियाज मुहम्मद शेख, पुणे महाराष्ट्र ने कहा कि, हिदीं के प्रचार-प्रसार व विकार्य कार्य के उद्देश्य की पूर्ति में संस्थान अपने 27 वर्षो की कालावधि में पूर्णतः सफल हुआ.
संस्थान अपनी अभिनव प्रगति के साथ साहित्य, समाज, संस्कृति व राष्ट्रीय एकता में निःसंदेह योगदान कर रहा है. स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, भिलाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री दीपक शर्मा ने कहा कि विश्व हिदीं साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज द्वारा हिदीं के प्रचार-प्रसार के लिए जो कार्य किया जा रहा है वह प्रशंसनीय है संस्था के ऐसे प्रयासो से ही युवा हिदीं में संप्रेषण के लिए प्रेरित होगें। उद्घाटन सत्र के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा सरस्वती पूजन व दीप प्रज्जवलन हुआ. सभा का शुभारंभ लक्ष्मीकांत वैष्णव मनलाभ, शक्ति, छ.ग. की सरस्वती वंदना से हुआ.
स्वागत उद्बोधन छ.ग. प्रभारी डॉ. मुक्ता कान्हा कौशिक, रायपुर, छ.ग. ने दिया. अतिथी परिचय डॉ. रेशमा अंसारी, विभागाध्यक्ष हिदीं मैट्स विश्वविद्यालय रायपुर ने दिया। समारोह में महाराष्ट्र प्रभारी डॉ. भरत शेणकर, राजूर, महाराष्ट्र, युवा सांसद कार्यकारी अधिकारी स.प्रा. रोहिणी डावरे, अकोले, महाराष्ट्र, डॉ उपमा आर्य, लखनऊ, डॉ. उल्का सुरेन्द्र पोतदार, पुणे, देविदास रामणे, महाराष्ट्र, नरेंद्र परिहार, नागपुर, प्रा. मधुभंथानी, प्रा. साक्षी लाजवानी, नागपुर, संतोष शर्मा, हायरस, डॉ. रेशमा अंसारी, श्रीमती सीमा निगम की गरिमामय उपस्थिति रही। सभा का संचालन डॉ. सरस्वती वर्मा, महासमुंद, छ.ग. ने किया तथा स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने धन्यवाद ज्ञापित किया.

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