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विज्ञान महाविद्यालय में रोल आफ लायब्रेरी इन टीचिंग पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

Jul 1, 2023
Role of college llbrary in higher education

दुर्ग. महाविद्यालय के पुस्तकालय एवं सूचना विभाग एवं केन्द्रीय पुस्तकालय के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 26 एवं 27 जून 2023 को रोल आॅफ कालेज लायब्रेरी इन टीचिंग, लर्निग एण्ड रिसर्च विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी के उद्धाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आई.आई.टी, दिल्ली के पुस्तकालयाध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष डाॅ नबी हसन सम्मिलित हुये. अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ आर. एन. सिंह ने की.
डा नबी हसन ने अपने उदबोधन में कहा कि पुस्तकालयों के माध्यम से षिक्षण, अध्यापन एवं अनुसंधान कार्यो को पूर्ण करने हेतु वर्तमान में सूचना तकनीकि का महत्व बढ़ गया है. उन्होने आई.आई. टी. दिल्ली की पुस्तकालय एवं सूचना सेवाओं की जानकारी भी प्रतिभागियों को दी.
महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ आर. एन. ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुये महाविद्यालय पुस्तकालय की सूचना सेवाओं को उत्तम बनाने हेतु आवश्यक बातों पर प्रकाश डाला. संगोष्ठी के संयोजक डाॅ राजेन्द्र चौबे ने महाविद्यालय पुस्तकालयों के बदलते स्वरूप को पाठको हेतु उपयोगी बताया.
इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रथम दिवस महाविद्यालय पुस्तकालयों की भूमिका पर विद्वानों के द्वारा सारगर्भित चर्चा की गई. प्रथम सत्र में डाॅ नबी हसन ने पुस्तकालयों में आधुनिकतम तकनीकि एवं ओपेन सोर्स सूचना स्रोतों की उपयोगिता एवं प्रदर्षन हेतु महत्वपूर्ण सुझाव दिये.
कलिंगा विश्वविद्यालय, रायपुर से पधारे वक्ता डाॅ सुशांत साहू ने प्रतिभागियों को पुस्तकालय सेवाओं को उत्कृष्ट बनाने हेतु उत्प्रेरक व्याख्यान दिया. विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से पधारे वक्ता डाॅ राज बोरिया ने अपने व्याख्यान में पुस्तकालय उन्मुखीकरण एवं उपयोगकर्ता षिक्षण पर सारगर्भित जानकारी दी. प्रथम दिवस के अंतिम सत्र में पांच प्रतिभागियों अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये.
संगोष्ठी के द्वितीय दिवस आरंभिक सत्र में भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर मुबंई से पधारे वक्ता डाॅ अनिल कुमार ने बार्क की सेवाओं की जानकारी के साथ-साथ इनकी उपलब्धता एवं उपयोगिता को बताया. द्वितीय सत्र में बाबा साहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विष्वविद्यालय औरंगाबाद से पधारे वक्ता डाॅ सुशांत एस. सोनवाने ने अपने व्याख्यान में संस्थानों एवं पुस्तकालय की वेबसाईट को उनका दर्पण बताया एवं अपने अध्ययन के आधार पर बाता कि भारत में इन संस्थानों के द्वारा वेबसाईट को अद्यतन करने वालो का प्रतिषत मात्र पांच है. संगोष्ठी के सत्र में डाॅ सी. वी. रामन् विश्वविद्यालय की डाॅ संगीता सिंह ने अपने व्याख्यान में पुस्तकालय के सूचना स्रोतों को उपयोगिता बढ़ाने हेतु महत्वपूर्ण सुझाव दिये. संगोष्ठी के अंतिम सत्र में पांच प्रतिभागियों अपने शोध पत्रों को प्रस्तुत किया.
संगोष्ठी के समापन सत्र के मुख्य अतिथि शासकीय दानवीर तुलाराम कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ राजेष पाण्डेय का स्वागत महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डाॅ एस. एन. झा एवं अन्य प्राध्यपकों ने किया. डाॅ राजेष पाण्डेय द्वारा पुस्तकालय के उपयोगिता एवं आधुनिकतम तकनीकि को महत्वपूर्ण बताया. डाॅ एस. एन. झा ने संगोष्ठी में पधारे समस्त वक्ताओं एवं प्रतिभागियों के सहयोग की सराहना की. संगोष्ठी के आयोजन सचिव ने संगोष्ठी की विषय एवं उप विषयों के आधार पर प्रतिभागियों द्वारा की गई चर्चा को सार्थक बताया. संगोष्ठी में 110 से ज्यादा प्रतिभागियों ने सम्मिलित होकर इस संगोष्ठी के उद्देष्य को सार्थक बनाया. सम्पूर्ण संगोष्ठी में मंच संचालन डाॅ एस. डी देषमुख ने किया. संगोष्ठी में डाॅ राजलक्ष्मी पाण्डेय, अनुराग पाण्डेय, ललिता श्रीवास, संतोष कुमार चन्द्राकर का महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ. संगोष्ठी के अंत में डाॅ अजय सिंह ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सलग्न सभी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं प्रतिभागियों के सहयोग हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया.

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