भिलाई। हरेली छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार है जो श्रावण मास में मनाया जाता है। हरेली हरियाली का प्रतीक भारत के किसान जो खेती से जुड़े हैं धान की फसल प्रकृति को हरियाली से आच्छादित करती हैं। प्रकृति को हरा-भरा बनाने का संकल्प लेकर श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के बीएड प्रशिक्षणार्थियों द्वारा हरेली सप्ताह का आयोजन किया गया और जहां अभ्यास शिक्षण कर रहे हैं उन विद्यालयों में पौधारोपण किया गया।
पौधारोपण का शुभारंभ महाविद्यालय परिसर से किया गया। बीएड प्रशिक्षणार्थियों द्वारा हरेली सप्ताह में विभिन्न विद्यालयों और अन्य स्थानों पर पौधारोपण किया जाएगा.
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य, समस्त शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राओं ने अपनी सहभागिता दी। बी.एड. प्रशिक्षणार्थियों के इस सराहनीय कार्य के लिए विद्यालय के प्राचार्याे द्वारा प्रशंसा की गई और इस परंपरा को निरंतर आगे बढ़ाने के लिए तथा पौधों के संरक्षण की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह बहुत ही उल्लेखनीय प्रयास है। भावी शिक्षकों के इस कार्य से हमारे स्कूल के बच्चों को भी प्रेरणा मिलेगी और वे भी पर्यावरण के प्रति अपने दायित्व को समझेंगे तथा उसे संरक्षण भी प्रदान करेंगे। प्राचार्य द्वारा सभी विद्यार्थियों को हरेली की बधाई देते हुए शुभकामनाएं प्रेषित की।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अर्चना झा ने भी प्रशिक्षणार्थियों को बधाई देते हुए कहा समाज और पर्यावरण के प्रति जागरूक शिक्षक ही विद्यार्थियों को सही दिशा में जाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं और छात्रों को उनके कर्तव्य के प्रति सजग भी कर सकते हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय के डीन (अकादमिक) डॉ. जे दुर्गा प्रसाद राव ने कहा की हमें अधिक से अधिक पौधेरोपण करना चाहिए और पर्यावरण को बचाने एवं संतुलन बनाये रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए। विभागाध्यक्ष डॉ नीरा पांडेय ने भी सभी विद्यार्थियों को हरेली की बधाई प्रेषित की।