दुर्ग। शासकीय डॉ वावा पाटणकर कन्या महाविद्यालय में मूर्तिकला एवं चित्रकला विभाग के संयुक्त तत्वाधान में तीन दिवसीय माटी शिल्प कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के विशेषज्ञ नगर के सुप्रसिद्ध शिल्पकर्मी राजेन्द्र सुनगारिया के निर्देशन में छात्राओं ने मिट्टी के गणपति बनाना सीखा। श्री सुनगारिया यूनिसेफ के प्रोजेक्ट बाल पंचायत से जुड़े हुए हैं। महाविद्यालय द्वारा लगातार पांच वर्षों से इस कार्यशाला का आयोजन हो रहा है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ सुशील चन्द्र तिवारी ने कहा कि छात्राओं के कौशल उन्नयन का यह एक सशक्त माध्यम है। पर्यावरण संवर्धन का भी संदेश मिलता है। विभागाध्यक्ष डाॅ ़ऋचा ठाकुर ने बताया कि छात्राएं गणेश पर्व पर अपने घरांे में स्वयं द्वारा निमिर्त प्रतिमा स्थापित करेंगी और समाप्ति पर घर पर ही विसर्जन करेंगी।
प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी इस प्रयास से निभा सकती है। जितेन्द्र कुमार, मूर्तिकार, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के पूर्व छात्र ने इस कार्यशाला में छात्राओं को प्रशिक्षण देने में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान किया। वरिष्ठ छात्रा किरण साहू एवं रिया बारले ने भी छात्राओं को मूर्ति को आकर देने तथा रंग संयोजन में सहयोग दिया।
महाविद्यालय के अनेक प्राध्यापकों ने भी मूर्तियां बनायी। महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डाॅ डीसी अग्रवाल ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से छात्राआंे को अपने अंदर छिपी र्कौशल प्रतिभा को निखाने का अवसर मिला। अंतिम दिवस छात्राओं द्वारा बनाई गई गणेश प्रतिमाआंे को सुसज्जित कर प्रदर्शित किया गया।
कार्यशाला का सचंालन तृप्ति खरे, अतिथि व्याख्याता मूर्तिकला कला द्वारा किया गया।