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श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन

Sep 18, 2023
Inernational Conference SSMV

भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में “मोलेकुलर बायोलाॅजी: इट्स एप्रोचेस एंड डेवेलपमेंट इन द रिसेंट एरा“ विषय पर सी-काॅस्ट द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन जंतुविज्ञान विभाग व माइक्रोबायोलाजी विभाग द्वारा किया गया। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के द्वितीय दिवस का प्रारंभ तकनीकी सत्र से हुआ तकनीकी सत्र का संचालन सुश्री रचना तिवारी एवं डाॅ. आकांक्षा जैन सहायक प्राध्यापक द्वारा किया गया। 
इस सत्र में डाॅ. सुबोध कुमार उपाध्याय प्रो. एवं विभागाध्यक्ष बायोटेक्नोलाॅजी काठमाण्डू विश्वविद्यालय, नेपाल, ने जैव विज्ञान तकनीकी और उसका उपयोग जैव विविधता संरक्षण में कैसे कर सकते है के विषय में जानकारी प्रदान की। नेपाल के राष्ट्रीय उद्यान में उनके द्वारा टाइगर तथा लेपर्ड में की गई विभिन्न रिसर्च पर आधारित था।
द्वितीय दिवस के वक्ता डाॅ. केसर जामिल एमेएट्स छी वैज्ञानिक और निदेशक जी एम रेड्डी रिसर्च फाउण्डेशन, तेलंगाना द्वारा कैंसर के बारे में जैसे- ब्रेस्ट कैंसर, टयूमर तथा कैंसर के विभिन्न प्रकार और उनके रोकथाम की तकनीकी के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया।
डाॅ. अनिल श्रीवास्तव प्रोफेसर, वि.या.ता. स्व. महाविद्यालय दुर्ग द्वारा ह्यूमन जेनेटिक डायवर्सिंटी हेल्थ इंप्लीकेशन विषय पर जानकारी दी जिसमें उन्होने अनुवांशिक बीमारी जैसे- सिकल सेल, एनीमिया, कार्डियोवैस्कुलर डिसीज, विभिन्न सिंड्रोम तथा जैव विविधता के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
इस सम्मेलन के समापन समारोह के मुख्य अतिथि श्री एस.एस. बजाज डायेरेक्टर जर्नल सी.कास्ट, विशिष्ट अतिथि डाॅ. सुबोध कुमार उपाध्याय, प्रो. एवं विभागाध्यक्ष बायोटेक्नोलाॅजी काठमाण्डू विश्वविद्यालय, नेपाल, डाॅ. रक्षा सिंह प्रो. अर्थशास्त्र विभाग इंदिरा गांधी राष्ट्रीय ट्रायबल विश्वविद्यालय अमरकंटक, डाॅ. मोहम्मद मजरूल करीम, प्रोफेसर, ढाका विश्वविद्यालय, बांग्लादेश उपस्थित रहे।
अतिथियों ने कार्यक्रम के प्रारंभ में बायोटेक्नोलाजी एवं माइक्रोबायोलाॅजी विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी में प्रमुख रूप से महाविद्यालय की प्रयोगशाला में, मंदिरों में चढ़े हुए फूलों की मदद से गुलाब जल और सूखे हुए फूलों का उपयोग कर हवन धूप विद्यार्थियों द्वारा बनाया गया है। इसके साथ ही साथ अलग अलग औषधि पौधों का अर्क और असेंसियल आइल निकाल कर बहुत सारे हर्बल प्रोटक्ट बनाए गए हैं। जिसमें जिसमें मच्छर भगाने का रिफलेन्ट, हर्बल साबुन, स्टेन रिमूवर, कंडीशनर, फ्लोर क्लिनर, हैंडवास, हर्बल स्ट्रबर, हर्बल शैम्पू, रूम फ्रेशनर, एंटी डेड्रफ सीरम जैसे प्रोडक्ट तथा घर में दैनिक उपयोग में लाई जाने वाली वस्तुएं बनाई गई है।
समापन समारोह का प्रारंभ माता सरस्वती के पूजन एवं छत्तीसगढ़ी राज्यगीत के साथ किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में डाॅ. जे. दुर्गा प्रसाद राव, डीन (अकादमिक) श्री शंकराचार्य महाविद्यालय, जुनवानी, भिलाई द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। महाविद्यालय की प्राचार्य डाॅ. अर्चना झा ने इस दो दिवसीय सम्मेलन को छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी व महत्वपूर्ण पथ प्रदर्शक बताया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डाॅ. मोहम्मद मजरूल करीम, प्रोफेसर, ढाका विश्वविद्यालय, बांग्लादेश दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की प्रशंसा करते हुए कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में यह कार्यक्रम को सार्थक रहा है। डाॅ. रक्षा सिंह ने कहा कि कोविड के समय मोलेकुलर बायोलाॅजी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मोलेकुलर बायोलाॅजी के तहत लगभग 80 प्रतिशत लोगो की जान बचाई जा सकी थी। श्री एस.एस. बजाज ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन समय-समय पर किया जाना चाहिए जो कि हमारे देश के विकास एवं उन्नति के लिए आवश्यक है तथा सी.जी कास्ट इस प्रकार के कार्यक्रम को प्रोत्साहन देता रहेगा।
दो दिवसीय कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किया गया। कार्यक्रम के अंत में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का विवरण महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापिका सुश्री पदमारानी ने दिया तथा धन्यवाद ज्ञापन अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की समन्वयक डाॅ. सोनिया बजाज विभागाध्यक्ष जन्तुविज्ञान विभाग द्वारा दिया गया। महाविद्यालय के द्वारा आमंत्रित अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं विद्यार्थियों द्वारा निर्मित हर्बल प्रोडक्ट, सीड बाॅल एवं घोंसला प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. सुषमा दुबे द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से किया गया।

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