भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में 6 दिसम्बर को आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में वनस्पति शास्त्र की प्राध्यापिका वर्षा यादव ने कहा कि सर्दियों में कम तापमान और ओस, कोहरा और पाला भी पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं. इससे पौधे पीले पड़ कर सूखने लगते हैं. ऐसे में तापमान में गिरावट के हिसाब से खाद, पानी और जरूरी धूप के इंतजाम करनी चाहिए. सप्ताह में कम से कम एक बार गुड़ाई करनी चाहिए ताकि हवा मिट्टी के अंदर जा सके.
वर्षा ने बताया कि गुड़ाई से पौधों की जगह मजबूत होती है. सर्दियों का मौसम पौधों की कटाई छंटाई के लिए अनुकूल रहता है जिससे पौधा सुंदर व स्वस्थ रहता है और उसमें फूल भी ज्यादा आते हैं. पौधों के जड़ों में सर्दी से बचने के लिए गमले की मिट्टी के ऊपर की खरपतवार हटाएं. सर्दियों के मौसम में कीटों का प्रकोप ज्यादा होता है. महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्र विभाग के विद्यार्थी समय-समय पर महाविद्यालय के बने हुए वर्मी कंपोस्ट व ऑर्गेनिक खादो की गुड़ाई बोटैनिकल गार्डन में करते रहते हैंए कीट.पतंग लगे हुए पौधे में नीम द्वारा बनी विलेय का छिड़काव किया गयाए ताकि पौधा कीट मुक्त हो सके। इस गतिविधि का उद्देश्य विद्यार्थियों में वृक्षारोपण को बढ़ावा देना क्योंकि पौधे पृथ्वी पर पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अर्चना झा ने इस कार्यशाला में शामिल विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि पौधों के लिए पूर्ण रूप से जैविक खाद के रूप में वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग आर्गेनिक गार्डनिंग में अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए किया जाता है। वनस्पति विभाग के विद्यार्थी इस पर लगातार कार्य कर भी रहे हैं.
महाविद्यालय के डीन अकादमिक डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि पौधे हमारे जीवन की अमूल्य निधि है पर्यावरण संरक्षण में सहायक हैए अतः प्रकृति से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए एवं प्रकृति से संतुलन बनाकर रखना चाहिए। स इस कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ सोनिया बजाज और डॉ के जे मंडल, डॉ नीता शर्मा के मार्गदर्शन पर किया गया.