भिलाई। सुकून से जीवन बिताना है तो इस उम्र में खूब मेहनत करें. लक्ष्य निर्धारित कर प्रयास करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी. उक्त बातें आज तजिकिस्तान की इस्पात कंपनी के तकनीकी प्रमुख अब्दुसत्तोर ने एमजे कालेज में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहीं. वे महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा रोजगार की वैश्विक संभावनओं पर आयोजित एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.
सपत्नीक भिलाई पहुंचे श्री अब्दुसत्तौर ने कहा कि वे तजिकिस्तान से आते हैं. 1991 में तजिकिस्तान यूएसएसआर से अलग होकर एक स्वतंत्र गणराज्य बना. भारत और खासकर भिलाई से उनके रिश्ते पुराने हैं. साफ हिन्दी में विद्यार्थियों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि तजिकिस्तान में भयानक ठंड पड़ती है. पारा शून्य से 14 से 18 डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाता है. उनके पिताजी कहा करते थे कि आपको कड़ाके की सर्दी में बाहर काम करना है या एयरकंडीशन्ड दफ्तर में, इस बात का फैसला विद्यार्थी जीवन में आपके द्वारा की गई मेहनत कर देती है. आप अभी मेहनत करेंगे तो भविष्य आराम से गुजरेगा.
उन्होंने बदलते वैश्विक परिदृश्य में रोजगार की अंतरराष्ट्रीय संभावनाओं पर सारगर्भित जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारत से उनका पुराना संबंध है और वे रूसी, हिन्दी तथा अंग्रेजी तीनों भाषाओं पर समान दखल रखते हैं. उन्होंने कहा कि ग्लोबल कर्मचारी बनने के लिए ज्ञान के साथ-साथ भाषा में दक्षता हासिल करना भी जरूरी है.
आरंभ में अतिथियों का परिचय ममता सिन्हा ने दिया. इस अवसर पर एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन की डायरेक्टर डॉ श्रीलेखा विरुलकर, एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ दुर्गा प्रसाद पण्डा तथा एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य डैनियल तमिलसेलवन, ग्रैजुएट एग्रो मैकानिकल इंजीनियर्स के श्री शर्मा के अलावा तीनों महाविद्यालय के प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, व्याख्याताओं के अलावा विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे.