भिलाई। गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर ध्वजारोहण करने के पश्चात एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन की डायरेक्टर डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने आज कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में अपनी आहुति देने के साथ ही आजाद भारत को गढ़ने में असंख्य लोगों ने अपना योगदान दिया है. 1950 का भारत अनाज की कमी से जूझ रहा था जब अमेरिका से लाखों टन अनाज का आयात करना पड़ा था. आज भारत अंतरिक्ष, परमाणु और चिकित्सा के क्षेत्र में न केवल आत्मनिर्भर है बल्कि विकसित देशों को भी पीछे छोड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि पिछले लगभग आठ दशकों में भारत ने सभी क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की है. जब चीन का युद्ध हुआ तो हमारे पास पर्याप्त सेना नहीं थी. आज भारतीय वायु सेना, नौसेना और थल सेना के जांबाजों को दुनिया सलाम करती है. आज का भारत न केवल लड़ाकू विमान बनाने में बल्कि युद्ध पोत, तोप और मिसाइल बनाने में भी दुनिया के विकसित देशों की बराबरी कर रहा है. कभी ओलंपिक खेलों में एक पदक को तरसने वाला भारत और पदक तालिका में चौथे स्थान तक पहुंच गया है. इस गणतंत्र दिवस हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम इसमें और तेजी लाएंगे.
एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने इस अवसर पर विकसित भारत 2047 की अवधारणा और नई शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए कहा कि देश तेजी से आगे बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य दिया है जिसके लिए हम सभी को अपनी कमर कसनी होगी. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी स्वयं को समर्थ बनाएं और पूरे लगन के साथ ज्ञान अर्जित करें. हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति को अंगीकार किया है. एमजे कॉलेज विवि की प्राथमिकता सूची में है जहां उसे लागू किया जा सकता है.
फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ दुर्गा प्रसाद पण्डा ने कि हमारा देश अपने भीतर और बाहर को प्रकाशित करने का संदेश देता है. ‘भा’ अर्थात प्रकाश और ‘रत’ अर्थात जो इसमें लगा हुआ है. शिक्षा के क्षेत्र में तमसो मा ज्योतिर्गमय का सिद्धांत लागू होता है. उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि भारत एक युवा देश है और हमारे सामने असीम संभावनाएं हैं. हमें इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए स्वयं को तैयार करना होगा.
एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन ने विद्यार्थियों को अपना ‘कंफर्ट जोन’ त्यागने के लिए प्रेरित करते हुए एक कहानी सुनाई. इसका आशय यह था कि सभी सुविधाएं मिल जाने पर व्यक्ति शांति का जीवन तो जीता है पर वह रचनात्मक विचारों से दूर हो जाता है, मेहनत और संघर्ष की परिभाषा भूल बैठता है. सुविधाएं छिनते ही वह अपनी मौत मर जाता है. इसलिए ऊंचे लक्ष्य निर्धारित कर सतत् प्रयत्नशील रहना ही उचित होगा.
इस अवसर पर महाविद्यालय के दो दिवसीय क्रीड़ा महोत्सव के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया. इस अवसर पर एमजे कालेज की उप प्राचार्य डॉ श्वेता भाटिया तथा नर्सिंग कालेज की उप प्राचार्य डॉ सिजी थॉमस भी उपस्थित रहीं. नर्सिंग एवं फार्मेसी कालेज के विद्यार्थियों ने इस अवसर पर देशभक्ति से ओतप्रोत नृत्य और गीत प्रस्तुत किये. डिग्री कॉलेज के विद्यार्थियों ने गणतंत्र दिवस पर भाषण किया और गीत गाए.