भिलाई। गुस्से में व्यक्ति केवल अपना ही नुकसान करता है. इसे सकारात्मक दिशा देकर इसकी ऊर्जा का सदुपयोग किया जा सकता है. उक्त बातें एमजे समूह की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने आज एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के फ्रेशर पार्टी को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि महाविद्यालय जीवन का उपयोग व्यक्तित्व के सकारात्मक निर्माण के लिए करना चाहिए.
डॉ श्रीलेखा ने कहा कि मौसम परिवर्तन के इस दौर में श्वांस नली के संक्रमण के आम समस्या है. कोरोना काल में हमने इसके मारक रूप को भी देखा है. एक बार फिर एक नया वायरल अपने पांव पसार रहा है. ऐसे में हम सभी को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए. इसे लेकर अगर कोई सख्ती की जा रही है तो उससे नाराज नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक बार गुस्से पर काबू पाना सीख गया तो यह आगे चलकर प्रोफेशनल लाइफ में बहुत काम आने वाला है.
गुस्से को काबू में करने का उपाय बताते हुए उन्होंने एक कहानी सुनाई. एक बालक को काफी गुस्सा आता था. जब उसने अपने पिता से इसका जिक्र किया तो उन्होंने कहा कि अब से जब भी गुस्सा आए तो एक कील ले जाकर बगीचे के फेंसिंग में ठोंक दो. बालक ने पहले दिन 36 कीलें ठोंकी पर धीरे-धीरे कीलों की संख्या कम होती चली गई. उसे गुस्सा कम आने लगा. इसके बाद पिता ने कहा कि अब कभी क्रोध आए तो इन कीलों को एक-एक कर निकाल लो. बालक ने ऐसा ही किया. अब तक वह अपने गुस्से पर काबू पाना सीख गया था. तब उसके पिता ने कहा कि तुमने अब भले ही अपने गुस्से पर काबू पा लिय है पर अब तक जिन लोगों पर भी अपना गुस्सा उतारा है, उन सभी के मन में भी ठीक वैसे ही दाग पड़ चुके होंगे जैसा बगीचे की फेंसिंग पर रह गए हैं.
इस अवसर पर एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन, उप प्राचार्य सिजी थॉमस, एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे तथा फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ दुर्गा प्रसाद पंडा भी उपस्थित थे. फ्रेशर पार्टी में विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दीं और कई मनोरंजक खेलों का भी आयोजन किया.