भिलाई। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बल्देव भाई शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के पत्रकार सौभाग्यशाली हैं कि उन्होंने उस धरती पर जन्म लिया जहां के पत्रकारों ने पत्रकारिता की दिशा तय कर दी. माधवराव सप्रे और स्वराज्य प्रसाद त्रिवेदी जैसे पत्रकारों ने उच्चतम आदर्शों की स्थापना. वे छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट यूनियन द्वारा आयोजित प्रादेश पत्रकार सम्मेलन एवं सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे.
डॉ शर्मा ने कहा कि जीवन में सबकुछ अच्छा-अच्छा नहीं होता. केवल सकारात्मक विचारों को लेकर ही जीवन में आगे बढ़ा जा सकता है. जीवन की कठिनाइयों को लेकर रोने-गाने से काम नहीं चलता. हमें अपने जीवन के उज्ज्वल पक्ष को लेकर आगे बढ़ना होगा. उन्होंने पत्रकारों का मनोबल बढ़ाते हुए कबीर की पंक्तियां दोहराई – सुखिया सब संसार है, खाए अरु सोवै। दुखिया दास कबीर है, जागै अरु रोवै॥ उन्होंने कहा कि पत्रकार भी ऐसा ही है जो सबके दुख को अपना दुख समझ कर दिन रात जागता और रोता है. यही पत्रकार की ताकत है जो उसे चौथे स्तंभ का दर्जा दिलाती है. उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज की उम्मीद हैं. इसे कायम रखने का दायित्व भी हमारा है.
इससे पूर्व हिन्दी के प्राध्यापक डॉ सुधीर शर्मा ने अपने पत्रकारिता जीवन का संक्षिप्त उल्लेख करते हुए पत्रकारिता की चुनौतियों की चर्चा की. उन्होंने छत्तीसगढ़ को पत्रकारों की पुण्य भूमि बताते हुए यहां के मूर्धन्य पत्रकारों की चर्चा की.
अखिल भारतीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक एवं हेलीकाप्टर किसान के रूप में चर्चित राजाराम त्रिपाठी ने पत्रकारिता की चुनौतियों की चर्चा करते हुए कहा कि कभी उन्होंने अपने दो मित्रों के साथ मिलकर एक साप्ताहिक समाचार पत्र का प्रकाशन प्रारंभ किया था. ऐसी दुर्दशा हुई की अपनी मोटरसाइकिल बेचकर प्रिटिंग प्रेस का बकाया भरना पड़ा.
मंच पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक झा, डीएसपी ट्रैफिक श्री ठाकुर के साथ छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट यूनियन के अध्यक्ष ईश्वर दुबे भी उपस्थित थे. इस अवसर पर संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान आचार्य डॉ महेश चन्द्र शर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे.
आयोजन में छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से आए पत्रकारों के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन करने वाले पुलिस कर्मियों, विद्यार्थियों एवं खिलाड़ियों का भी सम्मान किया गया.