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माईक्रोबायोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी में भी है अच्छा करियर

Jun 28, 2018

Microbiology careerभिलाई। विज्ञान के विषयों के साथ 12वीं पास करने के बाद इंजीनियरिंग और मेडिकल बच्चों की फर्स्ट च्वाइस होती है। पर यदि इन क्षेत्रों में जाना संभव नहीं हुआ तो भी ढेरों ऐसे विकल्प हैं जिसे चुनकर विद्यार्थी बेहतर करियर का निर्माण कर सकते हैं। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने बताया कि अधिकांश बच्चों में ग्रेजुएशन के विषय को लेकर कोई दुविधा नहीं होती। पर ऐसे भी विद्यार्थी होते हैं जो महाविद्यालय की दहलीज पर आकर विषय का चयन नहीं कर पाते। ऐसे विद्यार्थियों एवं उनके पालकों के लिए यहां मुफ्त काउंसलिंग की व्यवस्था है।biotechnologyउन्होंने बताया कि वैसे तो साइंस विषयों के साथ 12वीं करने वालों का पहला लक्ष्य मेडिकल या फिर डेंटल होता है पर बड़ी संख्या मेें बच्चों को यह करियर विकल्प नहीं मिलता। इसके बाद कुछ लोग अच्छे अंकों से ग्रेजुएशन करना तय कर लेते हैं ताकि टीचिंग या रिसर्च के क्षेत्र में अपना करियर बना सकें।
डॉ हंसा शुक्ला ने बताया कि इससे अलग भी अनेक ऐसे क्षेत्र हैं जिनका चयन कर विद्यार्थी अच्छा करियर बना सकते हैं। इन्हीं विषयों के बारे में विद्यार्थी को जानकारी दी जाती है। इन्हीं में से बायोटेक्नोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी दो ऐसे विषय हैं जिनके स्नातकों की अच्छी मांग प्रदेश और देश में है।
उन्हों ने बताया कि विज्ञान के विद्यार्थियों के लिये माईक्रोबायोलॉजी विषय से स्नातक और स्नात्कोत्तर के बाद अपार संभावनायें हंै- जैसे कृषि, पैथालॉजी, दुग्ध संयंत्र, फूड प्रोसेसिंग, जैव उर्वरा, जल संशोधन, रिसर्च, पर्यावरण, मेडिकल आदि क्षेत्र में। माईक्रोबायोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी विषय में स्नातक/स्नातकोत्तर कर छात्र विभिन्न क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों में भी रोजगार अर्जित कर सकते हैं। जैव उवर्रा और मशरूम प्रोडक्शन से स्वरोजगार की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
अपना दृष्टिकोण लक्ष्य की ओर साधते हुये छात्रों के लिये छ.ग. में माईक्रोबायोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी विषय में अपार संभावनायें हैं जिसमें सरकार भी विभिन्न प्रकार से सहायता प्रदान करती है।

साइंस के विद्यार्थियों के लिए अन्य क्षेत्र :

science careerएमबीबीएस मेें दाखिला नहीं मिलने पर आयुर्वेदिक, यूनानी या होम्योपैथी का विकल्प लिया जा सकता है। इसके अलावा आॅडियोलॉजी या स्पीच थेरेपी जैसे क्षेत्रों में भी करियर बनाया जा सकता है। फिजियोथेरेपी और आक्यूपेशनल थेरपी की भी काफी डिमाण्ड है। समुद्री विज्ञान में भी करियर बनाने के मौके हैं, जहां नर्सिंग, डेंटिस्ट्री और वेटनरी साइंस के विकल्प हैं। फार्मोकोलॉजी, फोरेंसिंक साइंस, एन्वायरनमेंटल साइंस, एग्रीकल्चर, फ्लोरीकल्चर, फूड टेक और न्यूट्रिशन साइंस में भी अच्छा करियर बनाया जा सकता है।

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