भिलाई। लगातार तकनीकी उन्नयन के चलते अब स्पाइन या रीढ़ की सर्जरी बहुत सेफ हो चुकी है। नए उपकरणों के साथ सर्जरी न केवल बेहद नफासत के साथ की जा सकती है बल्कि रोगी को दूसरे ही दिन अस्पताल से छुट्टी भी दी जा सकती है। मिनीमली इनवेसिव सर्जरी के कारण न केवल चीरा बहुत छोटा लगता है, रक्तस्राव कम होता है बल्कि रोगी को ठीक होने में भी काफी कम समय लगता है। उक्त बातें हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जन डॉ दीपक बंसल ने आज कहीं।नेक एवं स्पाइन सर्जरी विशेषज्ञ डॉ बंसल ने बताया कि पहले रीढ़ पर लगी चोटों की सर्जरी में काफी ज्यादा जोखिम रहता था। रक्तस्राव भी ज्यादा होता था और रोगी को घर लौटने में काफी समय लगता था। अब यह इतिहास हो गया है। नई तकनीक से हम माइक्रोस्कोप या एन्डोस्कोप की सहायता से बेहद बारीकी से सर्जरी कर पाते हैं। 99 फीसदी सर्जरी में दोबारा सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती।
पीठ या कमर दर्द के कारणों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उठने बैठने का गलत तरीका, गलत फर्नीचर, एकाएक भारी वजन उठाना, बुढ़ापे में हड्डियों का खोखला या भुरभुरा हो जाना, गिरना या झटका लगना रीढ़ को घायल कर सकती है। रीढ़ के मनकों में फ्रैक्चर हो सकता है, रीढ़ के दो मनकों के बीच फंसी थैली जैसी संरचना फट सकती है या अपनी जगह छोड़ सकती है। इसे सर्जरी द्वारा ठीक किया जाता है।
उन्होंने कहा कि कमर दर्द के 90 फीसदी मामले मांसपेशियों से जुड़े होते हैं जो 4-5 दिन विश्राम करने और खाने की दवाओं से ठीक हो जाते हैं। पर यदि दर्द लगातार बना रहता है तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह गंभीर हो सकता है। इलाज में देर होने पर रिकवरी मुश्किल हो सकती है।
डॉ दीपक बंसल ने कहा कि कमर दर्द के साथ यदि बुखार भी हो तो यह संक्रमण की तरफ इशारा करता है। इसी तरह महिलाओं में स्तन कैंसर तथा पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर रीढ़ को अपनी चपेट में ले सकता है। रीढ़ के घायल होने से उसमें से होकर गुजरने वाली नसों पर दबाव पड़ता है और पैरों में सुन्नपन से लेकर लकवा तक हो सकता है। इसलिए इसका तत्काल इलाज करना जरूरी होता है। सर्जरी इसका श्रेष्ठ विकल्प है। मिनिमली इंवेसिव या इंडोस्कोपिक सर्जरी से रीढ़ की हड्डी की मरम्मत कर नसों पर पड़ रहे दबाव को हटा दिया जाता है। इसमें ज्यादा वक्त नहीं लगता और मरीज को ज्यादा समय तक अस्पताल में रुकना भी नहीं पड़ता। कुछ बातों का ध्यान रखकर वह तुरन्त काम पर लौट सकता है। यह एक सेफ सर्जरी है और हाइटेक सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल में इसकी सुविधा उपलब्ध है।