भिलाई। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आज एमजे कालेज में ध्यान योग का आयोजन किया गया। इससे पहल सुबह प्रोटोकॉल के तहत भी योग किया गया। प्रशिक्षण एवं अभ्यास सत्र में महाविद्यालय के सभी विभागों के प्राध्यापक एवं प्रशासनिक स्टाफ शामिल हुआ। महाविद्यालय में 10 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का संचालन किया जा रहा है।राजयोगी मिशन (राजयोगी मेडिटेशन स्प्रीचुअल वेल्फेयर ट्रस्ट) ने अध्यापको, छात्रों को निःशुल्क ऑनलाइन योगाभ्यास कराया। राजयोगी जसविंदर कुमार संधू ने सभी छात्रों को योग के आसन और ध्यान के गुर बताये। उन्होंने मन की चंचलता के बारे में भी साधकों को उपदेश दिया। उन्होंने कहा कि जब तक आप ध्यान के द्वारा खुद को पकड़ नही लेते, जान नहीं लेते, तब तक साधना नहीं हो सकती। जैसे स्वप्न को पूरा करने के लिए निद्रा की आवश्यकता होती है, ईश्वर को साकार रूप में प्रकट करने के लिए भाव एवं समर्पण की आवश्यकता होती है।
उन्होंने बताया कि किस तरह से रामकृष्ण परमहंस तामसिक काली को सात्विक रूप में प्रकट कर पाते थे। किस तरह भगत धन्ने मन को समेट लिया करते थे। कैसे तोतापुरी महाराज काली को खड्ग से काटकर, निर्विकल्प समाधि मे प्रवेश कर जाते थे। स्वामी समर्थ सभी वृत्तियों से मुक्त होकर, ब्रह्म तदाकार वृति को धारण कर लेते हैं। उन्होंने कहा ध्यान ही सभी विद्याओ का मूल है। राजयोगी ने आज नाड़ी शोधन की प्रक्रिया को विस्तार समझाते हुए इसका अभ्यास भी कराया। स्वागत एवं संचालन प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने किया। धन्यवाद ज्ञापन संस्था की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने किया।
इससे पहले भारतीय योग संस्थान की प्रशिक्षक अनुराधा गणवीर ने विभिन्न आसनों एवं प्राणायमों का अभ्यास कराते हुए उनके महत्व एवं लाभ के बारे में बताया। उल्लेखनीय है कि भारतीय योग संस्थान द्वारा एमजे कालेज में 10 दिवसीय विशेष योग प्रशिक्षण शिविर का संचालन किया जा रहा है। ‘योगा फॉऱ इम्यूनिटी’ के नाम से संचालित इस कार्यशाला में प्रतिदिन बड़ी संख्या में प्राध्यापक एवं विद्यार्थी ऑनलाइन एवं ऑफ लाइन जुड़ रहे हैं।