भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में बी.एड. एवं डी.एड. के छात्रों के मार्ग दर्शन एवं परामर्श हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री आशुतोष चावरे जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग एवं प्रवीण कुमार मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। श्री आशुतोष चावरे ने प्रबंधन को धन्यवाद देते हुए कहा कि शिक्षक का कार्य बहुत ही पुण्य का कार्य है। बी.एड. छात्रों के हित में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन उद्देश्यपूर्ण है। उन्होंने शिक्षक की गरिमा को स्थापित करते हुए गुरू वंदना कि सार्थकता को समझाया और कहा कि शिक्षक और समाज के बीच स्वच्छ संबंध के लिये कुछ सिद्धांतों का पालन अनिवार्य है। अलग-अलग देशों कि सोच और मानसिकता हो सकती है। नागासाकी एवं हिरोशिमा के परमाणु बम के विध्वंश का उदाहरण देते हुए कहा कि जो स्थिति उस समय जापान की थी वही स्थिति स्वतंत्रता पश्चात् भारत कि भी थी। किन्तु जापन आज अपनी शिक्षा और आत्मबल के कारण विकसित देशों में गिना जाता है। जबकि भारत कि गिनती विकासशील देशों में है। आज हम छोटी-छोटी बातों को लेकर आपस में लड़ते है और राष्ट्रीय संपत्ति को क्षति पहुचाते है। इसमें दोष कही न कही शिक्षा प्रणाली का है। शिक्षक राष्ट्र का निर्माता है और विद्यार्थी नागरिक है। अत: हमें एक आर्दश के रूप में उन्हें शिक्षित करना है। जिस प्रकार माँ कि दृष्टि में सभी बच्चे समान है वैसे ही शिक्षक का दृष्टिकोण समान होना चाहिए। उन्होनें छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भविष्य में आप ऐसे शिक्षक बनकर आदर्श प्रस्तुत करे कि सभी आपको याद करे। शिक्षा में नयी-नयी प्रणालियों और विधियों का प्रयोग करे, शिक्षा को ग्रहणी और मनोरंजक बनाये।
श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के अंर्तमहाविद्यालयीन सेक्टर स्तरीय दो दिवसीय बास्केटबाल प्रतियोगिता में विजयी छात्रों को प्रमाण-पत्र एवं कप प्रदान किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह, अति. निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव, समस्त प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन श्रीमती सुषमा दुबे ने किया।