नई दिल्ली। पहले सरिता देवी मामले को लेकर सुर्खियों में रही महिला बॉक्सिंग अब नए विवादों में घिर गई है। वल्र्ड चैंपियनशिप में खेलने जा रही महिला बॉक्सिंग टीम का प्रेगनेंसी टेस्ट कराया गया है। जेजू (कोरिया) में 13 नवंबर से होने वाली इस चैंपियनशिप के लिए 10 महिला बॉक्सर चयनित की गई हैं। इनमें आठ का प्रेगनेंसी टेस्ट दिल्ली में एक निजी लैब से कराया गया है।
इस खुलासे के बाद साई के स्पोट्र्स मेडिसिन विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ. पीएसएम चंद्रन ने आपत्ति जताते हुए इसे मानवाधिकारों का हनन बताया है। उनका कहना है कि किसी भी अविवाहित महिला का प्रेगनेंसी टेस्ट अपराध है। वहीं टीम में शामिल कुछ महिला बॉक्सरों ने बताया कि उन्हें इससे पहले भी कई बार प्रेगनेंसी टेस्ट कराने पड़े हैं।
बॉक्सरों ने खुलासा किया कि कई अंतरराष्ट्रीय आयोजनों से पहले उन्हें प्रेगनेंसी टेस्ट कराना पड़ा है। यहां तक नेशनल चैंपियनशिप में खेलने के लिए भी उन्हें यह टेस्ट कराना पड़ा। हालांकि आईबा के नियम यही कहते हैं कि महिला बॉक्सर को कंपटीशन में खेलने से पहले खुद लिखित में घोषित करना पड़ता है कि वह गर्भवती है या नहीं। गर्भवती होने की स्थिति में बॉक्सर कंपटीशन में नहीं खेल सकती।