भिलाई। युवा फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने हैरानी जताई है कि सिविल अस्पतालों में लगभग सवा अरब की दवा खरीदी एवं वितरण का जिम्मा एक अकेले फार्मासिस्ट पर टिका हुआ है। एसोसिएशन ने सभी 700 सरकारी अस्पतालों में फार्मासिस्टों की नियुक्ति अनिवार्य करने की मांग की है ताकि दवा विपणन व गुणवत्ता में आ रही गिरावट को रोका जा सके।
प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार भारती ने बताया कि दवा खरीदी एवं वितरण ऐसे लोगों द्वारा किया जा रहा है जो इसके लिए प्रशिक्षित नहीं हैं। इसलिए हम पूरे राज्य के लिये एक ही भर्ती नियम की मांग करते हैं। सभी भर्तियां व्यापम द्वारा परीक्षा लेकर की जाए। सभी निजी एवं शासकीय अस्पतालों में फार्मासिस्ट की उचित संख्या में तैनाती हो। दवा वितरण एवं खरीदी करने एवं सिविल अस्पतालों में दवा खरीदी करने वाली समिति में नियूनतम चार फार्मासिस्ट होने चाहिए।
आयुर्वेद दवा बाजार में अच्छा अवसर
उन्होंने बताया कि छग दवा एवं औषधि स्थापन का एक वर्ष का बजट 125 करोड़ रूपये का है। 125 करोड़ की खरीददारी केवल एक एम फार्मा के निर्णय पर टिका होना हास्यस्पद ही है। आयुर्वेदिक दवाइयों की मांग बढ़ी है जो कि छत्तीसगढ़ राज्य के लिये अच्छा अवसर है। राज्य में 44 प्रतिशत वन है।