रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) में गृहयुद्ध के कारण वहां से शरणार्थी के रूप में सन् 1964 के आस-पास भारत आए 134 परिवारों को 99 साल के लिए स्थायी पट्टे प्रदान कर बधाई और शुभकामनाएं दी। ये परिवार छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगे माना नगर पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत माना कैम्प के निवासी हैं। डॉ. रमन सिंह ने अपने निवास कार्यालय के ‘जनदर्शन’ कक्ष में उन्हें पट्टों का वितरण किया। उन्हें मात्र एक रूपए के भू-भाटक पर राजस्व विभाग द्वारा व्यावसायिक प्रयोजन के लिए स्थायी पट्टे दिए गए हैं। इससे दुकान-सह-मकान के रूप में इन परिवारों को एक सुरक्षित आशियाना मिल गया है।
पट्टे मिलने पर कई हितग्राहियों की आंखों में खुशी के आंसू छलकने लगे। सभी परिवारों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत और स्कूल शिक्षा मंत्री श्री केदार कश्यप भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने ‘विस्थापित’ कहलाने वाले इन परिवारों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी स्थान पर पीढ़ियों से निवास कर रहे लोगों के लिए ‘विस्थापित’ शब्द अत्यंत पीड़ादायक होता है। राज्य सरकार आप लोगों के साथ जुड़े इस शब्द को विलोपित करना चाहती है। आज पट्टा मिलने के बाद आपके नाम से यह शब्द स्वतः विलोपित हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा – मकान किसी भी व्यक्ति के जीवन का एक स्थायी भाव होता है। जब तक व्यक्ति को मकान का पट्टा नहीं मिल पाता, तब तक वह उस जमीन से अपना जुड़ाव महसूस नहीं करता। आप लोगों के दर्द को राज्य सरकार ने गंभीरता से महसूस कर पट्टा मिलने की तमाम कानूनी जटिलताओं को दूर कर आपको एक सुरक्षित भविष्य की गारंटी दी है। डॉ. रमन सिंह ने आगे कहा – पांच दशक पहले अत्यंत कठिन परिस्थितियों में आप लोगों को यहां से सैकड़ो किलोमीटर दूर बांग्लादेश की अपनी जन्म भूमि और कर्मभूमि छोड़कर यहां आना पड़ा। छत्तीसगढ़ को आप लोगों ने अपनी कर्मभूमि बनाया। राज्य के विकास में आप सबकी भी महत्वपूर्ण भागीदारी है। आपमें से बहुतों का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ है। कई पीढ़ियों से आप लोग यहां निवास कर रहे हैं। मतदाता सूची में भी आपका नाम है। पट्टा मिलने के बाद अब आप सब विधिवत छत्तीसगढ़ के निवासी के रूप में छत्तीसगढ़िया हो गए हैं। पट्टे की आप लोगों की वर्षों पुरानी मांग थी। हर साल मैं माना कैम्प में दुर्गा उत्सव के दौरान देवी दर्शन के लिए जाता हॅू। हर बार मुझे आप लोगों से पट्टे की समस्या की जानकारी मिलती रहती थी। जटिल कानूनी औपचारिकताओं को पूर्ण करने में कुछ समय लग गया। यह कार्य पूर्ण हुआ और आज आपको राज्य सरकार की ओर से स्थायी पट्टे सौंपने का अवसर आया है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि माना को नगर पंचायत का दर्जा देकर उसके सुव्यवस्थित विकास के लिए राज्य शासन द्वारा हर संभव सहयोग दिया जा रहा है।
इस अवसर पर माना नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष श्यमा प्रसाद मुखर्जी ने कहा कि डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने माना कैम्प को नगर पंचायत का दर्जा देकर एक सौ बिस्तरों के अस्पताल सहित वहां विकास के कई कार्य करवाए हैं। पेयजल आदि समस्याओं का भी समाधान हुआ है। इन सभी कार्योंं के लिए और आज प्राप्त स्थायी पट्टों के लिए ये परिवार मुख्यमंत्री के अत्यंत आभारी है। श्री चक्रवर्ती ने पट्टे की समस्या के निराकरण में प्राप्त सहयोग के लिए आवास मंत्री श्री राजेश मूणत, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री केदार कश्यप और रायपुर ग्रामीण के तत्कालीन विधायक श्री नंदकुमार साहू के योगदान की भी प्रशंसा की। इस अवसर पर माना नगर पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती सुमन मानिक सहित बड़ी संख्या में माना कैम्प के निवासी उपस्थित थे।