वाराणसी। सीधे-सीधे हत्या के लिए पैसे लेने वाले को समाज और कानून चाहे जो कहता हो किन्तु इसका एक रूप ऐसा भी है जहां पैसे भी मिलते हैं, इज्जत भी मिलती है और अजन्मे शिशुओं की हत्या कर दी जाती है। चिकित्सा जगत से जुड़े सूत्र बताते हैं कि यह कन्या भ्रूण हत्या गंदा तो है पर धंधा है। चोरी छिपे होने के कारण अब इसमें पैसे भी बहुत हैं।
पहले तो बड़े-बड़े अस्पतालों में यह सब खुले आम होता था। पर जब बिगड़ते स्त्री-पुरुष अनुपात के चलते इस पर बैन लगा दिया गया तो अब यही धंधा गांव-देहात में होने लगा है। इसके लिए पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। धर्मनगरी वाराणसी में ऐसी दर्जनों मशीनें पकड़ी गई हैं जिनकी मदद से कन्या भ्रूण की पहचान कर उसे गिराया गया। कसाइयों ने गर्भपात करने में भ्रूण की उम्र का भी ख्याल नहीं रखा। इस खेल की भनक प्रशासन को तब लगी जब नवजात बच्चियों के कई क्षत-विक्षत शव बरामद हुए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कई केंद्रों पर छापा मार कर पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीनें बरामद की। शहर के सिद्धगिरी बाग की एक दुकान में आधा दर्जन पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीनें बरामद हुई है। यहां इनकी बिक्री और मरम्मत की जाती थी। प्रशासनिक टीम ने लोहता और चांदपुर इलाके के दो अल्ट्रासाउंड केंद्रों को भी सील कर दिया।