भिलाई। उत्कल सांस्कृतिक परिषद, जगन्नाथ समिति, कलिंग-ज्योति तथा ब्रम्हकुमारीज के संयुक्त तत्वावधान में समावेश उड़ीसा-2014 का भव्य आयोजन राजयोग भवन के पीस ऑडिटोरियम में किया गया। संबाद के मुख्य सम्पादक तथा इस्टर्न मिडिया प्रा.लि. के सीएमडी सौम्य रंजन पटनायक कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। अध्यक्षता कटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश देवब्रत दास ने की। विषेष अतिथि के रुप में नाल्को के पूर्व सीएमडी जी उपाध्याय, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव एस के मिश्रा, ब्रम्हाकुमारी आशा व पुरी से पधारी मुख्य वक्ता ब्रम्हकुमारी डॉ निरूपमा व श्री नथमल उपस्थित थे। >>>
मुख्य अतिथि सौम्य रंजन पटनायक ने श्री जगन्नाथ धाम को उड़ीसा की शान और पहचान बताते हुए कहा कि कोणार्क उड़ीसा सिल्क का गौरव है। उड़ीसा का सांप्रदायिक सद्भाव इसकी पूंजी है। बालेश्वर, खोर्दा, कटक जैसे अनेक स्थानों पर ऐसे पूजा स्थल हैं जहां पर हिन्दू मुस्लिम एक साथ पूजा करते हैं। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में न्यायाधीश देवब्रत दास ने कहा कि भिलाई में मैं उड़ीसा के दर्शन कर रहे हैं। ओडिशा की न्याय व्यवस्था की समृद्ध परंपराओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि ओडिशा सदैव ही विचारशील राज्य रहा है। उच्च कोटि की विचारधारा इसकी पहचान है।
इस अवसर पर ओडिशा के कटक शहर की प्रसिद्ध कला मंडली ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समा बांध दिया। जिसमें कोणार्क निर्माण की प्रसिद्ध लोककथा को नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। ओडिशी नृत्य, ओडिशा के विभिन्न क्षेत्रों के लोकनृत्य तथा उड़ीया भजन व गीत संगीत प्रस्तुत किये गये। मेरा ओडिशा नामक प्रेरक प्रदर्शनी को भी लोगों ने बेहद सराहा।