रायपुर। राजधानी में आटो रिक्शा की हड़ताल से अफरातफरी मच गई है। शहर में छोटी दूरियों के लिए यही एकमात्र सवारी है। 80 फीसदी जनता अस्पताल, स्कूल, स्टूशन या बस अड्डा जाने के लिए इन्हीं पर निर्भर है। आटो वालों की भी अपनी दिक्कते हैं। इनके लिए स्टैंडों का अभाव है जिसकी वजह से पुलिस इनका कभी भी चालान बना देती है। ग्रामीण इलाकों से सवारी लेकर शहर पहुंचने वाले भी मुसीबत में फंस जाते हैं क्योंकि दोनों जगह के लिए परमिट अलग अलग बनती है। इनके लिए रोड टैक्स की मियाद को परिवहन विभाग ने 15 की जगह 10 वर्ष कर दिया है। कम पढ़े लिखे चालकों के लिए कमर्शियल लाइसेंस बनवाना कठिन हो गया है। कांग्रेस ने इनके आंदोलन में शामिल होकर शुक्रवार को एडीएम से मुलाकात की तथा समस्याओं को दूर करने का आग्रह किया। कांग्रेस दल का नेतृत्व शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विकास उपाध्याय, पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष सुमीत दास, पार्षद राधेश्याम विभार, धनंजय सिंह ठाकुर ने किया। कांग्रेसियों ने आटो चालकों की मांग को लेकर धरना भी दिया।