माता-पिता एक सम्बल एक शक्ति है, सृष्टी मे निर्माण की अभिव्यक्ति है। मेरे पिता जी साधारण से दिखने वाले एक अद्भुत व्यक्तित्व के मालिक है। आज जब अपने जीवन में झांकती हूँ तो लगता है जैसे एक युग बीत गया, कभी ऐसा अनुभव होता है जैसे कल की ही बात हो। जीवन में जब चलना सीखा तब माता-पिता ने मेरे हाथों को पकड़कर चलना सिखाया, बोलना सिखाया, संसार में संगीत, व्यवहार, दया, प्रेम, करूणा, आदि की शिक्षा दी। आगे पढ़ें
संसार में सब अनछुए ही आते है, सरस बहते निर्मल जल की तरह। जैसे पहाड़ो से निकला हुआ जल शीतल, स्वच्छ, निर्मल होता है मैदान में आते ही मानवीय स्पर्श से कसैला, गंदा और प्रदूषणयुक्त हो जाता है वैसे ही जीव भी जब तक बोलता नहीं, चलता नहीं, व्यवहार करता नही तब तक सहज होता है। जैसे-जैसे उसे भाषा का ज्ञान होता है वैसे वैसे उसमें अच्छे-बुरे सभी गुण सूक्ष्म रूप से समाविष्ठ होने लगते है मेरे साथ भी यही होना था और हुआ। माँ का संस्कार प्रबल था इसलिए मैने माँ को ही व्यवहारिक जीवन में अपना आर्दश समझा। पिता जी ने कर्तव्य बोध का परिचय देते हुए मेरे छोटे-छोटे लक्ष्यों को पाने में अपना भरपूर सहयोग दिया। हमारे दादा-दादी जी ने मेरे जीवन कि दिशा को मोडऩे में बहुत मदद की। राम-कथा, गीता जी, भागवत जी, संत प्रवचन, संगीत की शिक्षा देकर मुझे अंधकारमय भविष्य से बचा लिया।
हमारे पिता जी अपने जीवन में संघर्ष और कठिनाइयों को अपने भाग्य में लिखवाकर लाए थे। कर्म पर विश्वास करने वाले भला भाग्य से कब हार मानते हैं। उन्होंने हम दोनो बहनों को भी यही शिक्षा दी है। हमसे हमेशा यही कहते है की काम कुछ भी करो पर ईमानदारी से करो, कोई देखे या न देखे ईश्वर जरुर देखता है।
हम ईश्वर की आभारी है जो हमे ऐसे माता-पिता और परिवार मिला जहाँ बेटीयों को बोझ नही समझा जाता। आज समाज मे जिस तरह बेटियो को जन्म लेने से पहले ही कुलदीपक की चाह मे माँ की कोख मे ही मारा जा रहा है, भविष्य मे उसका बहुत बुरा परिणाम पूरी सृष्टि को भुगतना पड़ सकता है।
– पूज्य जया किशोरीजी, भागवत एवं नानी बाई रो मायरो प्रवचनकर्ता
Aap ki pravachan mujhe bhut achha lagta h or aap ki aawaz me jo mithas h ki main jhum uthta hu main chahta hu ki ek baar aap mumbai me pravachan kare yahi aap vinti.hain…
i want to join ur sanstha
i want to join ur sanstha
I JOIN TO NARYANI SAVA SANSTHA
MOJKO TAKOR JI SA BAUT LAGOV HI
I also want to join ur sanstha…..