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मनमोहन खंडूजा के अपडेट्स

Jan 22, 2015

manmohan khandujaएक मशहूर प्रेरक वक्ता ने
समारोह में कहा –
मैंने अपनी जिंदगी के सबसे अच्छे
साल उस औरत की बाहों में गुजारे,
जो मेरी पत्नी नहीं थी …।
सब एक दम से चुप हो गए। तब
बात आगे बढ़ाते हुए कहा –
वह औरत मेरी माँ थी.
वहाँ मौजूद एक नौजवान ने
यही कथन अपने घर में
दारू पीने के बाद आजमाना चाहा….। more
किचन में काम कर रही पत्नी के पास जाकर बोला –
मैंने अपनी जिंदगी के सबसे अच्छे बरस
उस औरत की बाहों मे गुजारे
जो मेरी पत्नी नहीं थी….।
पर इसके बाद वह भूल गया और
बुदबुदाया………….
मुझे याद नहीं आ रहा कि
वो औरत कौन थी…..
बाद में जब होश आया तो
उसने खुद को अस्पताल में पाया
उबलता हुआ पानी फेंके जाने से
बुरी तरह झुलस गया था बेचारा

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सच्चाई के आईने, काले हो गये।
बुजदिलों के घर में, उजाले हो गये॥
झूठ बाजार में, बेखौफ बिकता रहा।
मैने सच कहा तो, जान के लाले हो गये॥……
लहू बेच-बेच कर, जिसने परिवार को पाला ।
वो भूखा सो गया, जब बच्चे कमानेवाले हो गये।
000
जज :- तुमने 10 साल से
अपनी पत्नी को दबा के, डरा के, धमका के
अपने बस में रखा है।
मुजरिम :- जज साहब ऐसा है कि….
जज :- सफाई नहीं, तरीका बताओ तरीका!!!

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