दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के इतिहास विभाग तथा संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के सौजन्य से दस दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुशीलचन्द्र तिवारी की अध्यक्षता एवं पद्मश्री जेएम नेलसन एवं डीसी विद्यार्थी के आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए विभागाध्यक्ष डॉ एके पाण्डेय ने कहा कि कार्यशाला प्रशिक्षणार्थियों में अपने सांस्कृतिक धरोहरों को संजोए रखने की प्रेरणा के साथ साथ स्वरोजगार का एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगा। read moreपद्मश्री नेलसन ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी में कला है, प्रकृति ही इसे निखारती है। प्रत्येक कलाकार में मानवता अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। डीसी विद्यार्थी ने देशी तथा विदेशी कलाकारों की सोच के अंतर को स्पष्ट करते हुए कहा कि भारतीय कला जीवन दर्शन से प्रेरित एवं सजीव होती है।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य डॉ तिवारी ने इतिहास विभाग के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्यशाला विद्यार्थियों को जागरूक बनाने में सफल होगी। कार्यशाला के लिए लगभग 80 विद्यार्थियों तथा 10 प्राध्यापकों ने पंजीयन कराया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या मेें प्राध्यापक एवं विद्यार्थीगण उपस्थित हुए। संस्कृति विभाग की ओर से रामनशरण प्रजापति, टीयू हासनी, यशवंत सोनकर एवं शेखर पाण्डेय प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित हैं। उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ कल्पना अग्रवाल तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ ज्योति धारकर ने किया।