भिलाई। वह एक विलक्षण क्षण था जब श्रीशंकराचार्य तकनीकी कैम्पस में श्रीगंगाजली एजुकेशनल सोसायटी के अध्यक्ष एवं शहर के जाने माने शिक्षाविद एवं एडुप्रीनियोर आईपी मिश्रा ने यंगिस्तान के संयोजक मनीष पाण्डेय की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। उन्होंने मनीष को युवा जगत का स्तंभ बताया। वहीं मनीष पाण्डेय ने श्री मिश्रा को युवाओं से भी अधिक युवा बताते हुए कहा कि 72 वर्ष की उम्र में भी श्री मिश्रा जितनी मेहनत करते हैं, काम के प्रति जितने समर्पित हैं वह युवाओं के लिए प्रेरणास्पद है। read more
श्रीशंकराचार्य टेक्नीकल कैम्पस में पहली बार बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे यंगिस्तान के संयोजक मनीष पाण्डेय ने श्रीगंगाजली एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष 72 वर्षीय आईपी मिश्रा को युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बताते हुए कहा कि कर्मों एवं दिनचर्या से वे आज भी युवा हैं। आज भी वे ऊर्जा से भरपूर हैं, नई सोच, नवोन्मेषण के लिए सदैव तत्पार रहते हैं। उनमें कुछ नया करने का साहस आज भी विद्यमान है।
मनीष यहां शंकराचार्य टेक्नीकल कैम्पस में आयोजित संविद के तीन दिवसीय मुख्य सत्र के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्री मिश्रा आज भी सुबह 5 बजे उठते हैं, 10 बजे दफ्तर पहुंच जाते हैं और देर शाम तक लगातार काम करते रहते हैं। शिक्षा जगत में वे बहुतों के लिए प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। अपनी समर्पित शिक्षकों की टीम के साथ उन्होंने श्रीशंकराचार्य इंजीनियरिंग कालेज को छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश के चुनिंदा इंजीनियरिंग कालेजों की कतार में लाकर खड़ा कर दिया है।
श्रीगंगाजली एजुकेशन सोसायटी के डायरेक्टर अभिषेक मिश्रा, जया मिश्रा तथा शिक्षक वृंद को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि योग्य एवं समर्पित शिक्षकों की टीम के कारण ही श्रीशंकराचार्य ग्रुप के कालेजों ने अपनी पहचान बनाई। एक शिक्षक ही अपने विद्यार्थियों का रोल मॉडल बनता है तथा उन्हें जीवन में आगे बढऩे के लिए प्रेरित करता रहता है। उन्होंने कहा कि युवाओं के कुछ नया करने का साहस करना चाहिए। युवाओं को नवोन्मेषण, आविष्कार, निर्माण एवं सकारात्मकता के लिए जाना जाता है। इन शर्तों पर श्री आईपी मिश्रा खरा उतरते हैं। इसलिए वे यंगिस्तान के प्रतिनिधि हैं।
इससे पूर्व श्रीगंगाजलि एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष आईपी मिश्रा ने यंगिस्तान के संयोजक मनीष पाण्डेय को अपने बीच पाकर हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने मनीष को युवाओं का स्तंभ निरूपित करते हुए कहा कि मनीष ने युवाओं को एकजुट कर उन्हें सकारात्मक दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसे व्यक्तियों को पाकर श्रीशंकराचार्य कैम्पस आज धन्य हो गया। उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व भारत की ओर उम्मीदों के साथ देख रहा है। इसकी वजह भारत के वे 80 करोड़ युवा हैं जिनकी उम्र 35 वर्ष से कम है। यही सही समय है जब हम कुछ कर सकते हैं। 15 साल बाद यह स्थिति नहीं रहेगी क्योंकि आज जितने भी लोग 35 साल के हैं वे तब 50 साल के बुजुर्ग हो जाएंगे। इसलिए हमें अभी हौसला करने होगा तथा अपने करियर के साथ साथ भारत को भी आगे ले जाना होगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक युवा के अन्दर कोई न कोई प्रतिभा छिपी हुई होती है। यह ठीक वैसी ही स्थिति है जैसे सुलग रही लकड़ी की होती है। उसे थोड़ी सी हवा दे दो और लपटें उठने लगती हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं के साथ उनके मार्गदर्शकों का भी यही संबंध है। युवाओं में विज्ञान की, खेल की, गाने की, नृत्य की या ललित कलाओं की प्रतिभा छिपी होती है। यदि सही समय पर उसे हवा दी जाए तो वह निखर कर सामने आ सकता है। संविद का आयोजन भी इसी उद्देश्य को लेकर किया जा रहा है।
इस अवसर पर श्रीगंगाजलि एजुकेशन सोसायटी के डायरेक्टर अभिषेक मिश्रा ने कहा कि संविद में इस साल कई नए ईवेन्ट्स को शामिल किया गया है। इसमें खेल भी है और दिमाग पर जोर डालने वाली प्रतियोगिताएं भी। मास्टर शेफ जैसे क्रिएटिव कार्यक्रम हैं तो परफार्मिंग आट्र्स के लिए भी विशाल मंच उपलब्ध कराया गया है। इस ईवेन्ट में सिर्फ भिलाई ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ से बाहर के स्टूडेंन्टस भी भाग ले रहे हैं। यह युवाओं को उनके अंदर छिपी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा।
अंत में सभी अतिथियों ने संविद के प्लेकार्ड को गैस भरे गुब्बारों की मदद से आकाश में छोड़कर संविद के आरंभ की घोषणा की।