दुर्ग। मुख्य वन संरक्षक व्ही श्रीनिवास राव ने कहा है रासायनिक खादों व कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से तितली जैसे मित्र कीटों का अस्तित्व समाप्त हो रहा है इसीलिए कार्बनिक खादों का उपयोग करने वाली परम्परागत व प्राकृतिक खेती की ओर लौटना होगा। श्री राव यहां विज्ञान प्रसार के सहयोग से छत्तीसगढ़ विज्ञान मंच द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय प्रकृति अध्ययन गतिविधि शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन सत्र को मुख्य अतिथि की read moreआसंदी से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने वनों को पहुंची छति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि धरती माता की गोद खाली हुई है पर कोख खाली नहीं हुई है अत: पेड़ों को अधिक से अधिक लगा कर धरती माता की गोद को भरा जा सकता है। उन्होंने वनांचलों की शालाओं में विज्ञान सम्बंधित गतिविधियों के संचालन में वन विभाग के सहयोग का आश्वासन भी दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिक्षाविद डा नरेन्द्र दीक्षित ने कहा कि मुनाफाखोर कंपनियों द्वारा महंगे दामों पर रासायनिक खाद व कीटनाशक किसानों को बेचे जाने व इनके उपयोग से खेतों की नैसर्गिक उत्पादनशीलता में हो चुकी छति के कारण किसानों की दुर्दशा हो रही है, जिससे वे आत्म-हत्या जैसे कदम भी उठा रहे हैं।
आरम्भ में छत्तीसगढ़ विज्ञान मंच के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो डी एन शर्मा ने छत्तीसगढ़ के शालेय विद्यार्थियों के लिए विज्ञान व प्रकृति सम्बंधित गतिविधियों के विस्तार की आवश्यकता पर जोर दिया। छत्तीसगढ़ विज्ञान मंच की सचिव डा भव्या भार्गव ने कार्यशाला का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बतलाया कि प्रदेश के 17 जिलों के 35 शिक्षक-प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला में सक्रिय सहभागिता दी। साइंस सेंटर भोपाल के सचिव अरुण भार्गव ने आभार व्यक्त करते हुए कहा की वन बाहुल्य वाले इस प्रदेश में प्रकृति संरक्षण के प्रयासों में विद्यार्थियों को जोडऩे के व्यापक प्रयास किये जाने चाहिए।
इस अवसर पर अतिथियों द्वारा प्रतिभागियों को ‘नेचर किटÓ तथा प्रमाण पत्र प्रदान किये गए। अतिथियों ने प्रतिभागियों द्वारा विकसित शैक्षणिक सामग्री की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर स्त्रोत प्रशिक्षक बी एल बलैया, शिक्षाविद डा हरिनारायण दुबे, पूर्व प्राचार्य एन एन पाण्डेय विशेष रूप से भी उपस्थित रहे।