रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह एवं उनके वित्त मंत्री से निवेदन किया है कि कोयला ब्लाक की नीलामी के पहले चरण में मिलने वाले लगभग 40 हजार करोड़ रुपयों को वह बे-सिर-पैर की योजनाओं पर खर्च न करे। उन्होंने इस रकम को खर्च करने के लिए तीन सुझाव दिए हैं। श्री जोगी ने कहा कि कोयला ब्लॉक की नीलामी के पहले चरण से लगभग 40,000 करोड़ का राजस्व मिलने की संभावना है। यह पैसा छत्तीसगढ़ सरकार के कुल सालाना बजट का लगभग 66 फीसदी है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस पैसे का उपयोग किसानों के धान का एक एक दाना खरीदने, 2100/- प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने और पिछले साल के रुके हुए 300/- का बोनस भुगतान करने में किया जाए। read more
इन पैसों का दूसरा उपयोग प्रदेश के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और शैक्षणिक केन्द्रों को सर्व-सुविधायुक्त बनाने के लिए किया जाए। विशेषकर आदिवासी-बाहुल्य क्षेत्रों में, जहां सबसे ज्यादा कोयले की खदानें हैं।
उन्होंने कहा कि इससे बढ़ी विडम्बना क्या हो सकती है कि खनिज-समृद्ध राज्य होने के बावजूद भी छत्तीसगढ़ का 70 फीसदी राजस्व आबकारी या शराब की बिक्री से आता है। उसे चाहिए कि वह पावर जनरेशन में निवेश कर वर्तमान 500 मेगावाट की सालाना उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर कम से कम 5000 मेगावाट करे।
उन्होंने कहा कि अलग कृषि बजट के बाद युवा बजट भी अलग से लाने की तैयारी के बीच वे मांग करते हैं कि कोयला नीलामी से प्राप्त 40000 करोड़ के अतिरिक्त राजस्व का दुरुपयोग न हो। उन्होंने बजट सत्र शुरू होने के पहले इस विषय में सरकार की ओर से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है।