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शब्दों पर अनावश्यक जोर से होता है अनर्थ

Feb 5, 2015

durg science collegeदुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग के अंग्रेजी विभाग द्वारा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास हेतु पृथक-पृथक दो कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम के प्रथम चरण में केन्द्रीय विद्यालय कोरापुट ओडिशा के विजिटिंग प्रोफेसर चित्तरंजन कर ने भाषा विज्ञान पर केन्द्रित व्याख्यान दिया। बड़ी संख्या में उपस्थित अंग्रेजी भाषा के छात्र-छात्राओं को प्रो. कर ने अंग्रेजी फोनोलाजी तथा फोनेटिक्स की सूक्ष्म जानकारी सरल उदाहरणों के माध्यम से दी। प्रो. चित्तरंजन कर ने बताया कि किसी भी विषय की संप्रेषण क्षमता हमारी प्रस्तुति पर निर्भर करती है। शब्दों का सही उच्चारण तथा बोलते समय किसी शब्द पर कितना जोर दिया जाना चाहिए यह मुख्य बिन्दु है। किसी शब्द पर अनावश्यक बल दिए जाने से कई बार अर्थ का अनर्थ हो जाता है। अत: विद्यार्थियों को न केवल अंग्रेजी अपितु हिन्दी में वार्तालाप के दौरान भी सही शब्दों के चयन पर ध्यान देना चाहिए। >>>
महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा विस्तार गतिविधि योजना के अंतर्गत आयोजित इस आमंत्रित व्याख्यान में अंग्रेजी विभाग के समस्त प्राध्यापक उपस्थित थे। विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास एवं साक्षात्कार में प्रविष्ट होते समय ध्यान में रखी जाने वाली बातों पर शासकीय सीएलसी महाविद्यालय धमधा की प्राध्यापक डॉ सोमाली गुप्ता ने सारगर्भित प्रशिक्षण दिया। अपने दो दिवसीय उद्बोधन के प्रथम दिवस पर डॉ सोमाली गुप्ता ने स्नातक एवं स्नातकोत्तर दोनों स्तर के विद्यार्थियों को अपने व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाने के टिप्स दिए। डॉ गुप्ता ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे हमेशा सजग रहें तथा प्रतिदिन अखबार, इंटरनेट, टीवी आदि संचार माध्यमों से अपना सामान्य ज्ञान अपडेट करते रहें। जब हमारे ज्ञान में वृद्धि होती है तो आत्मविश्वास बढ़ता है जिसकी झलक हमारे व्यक्तित्व में दिखाई पड़ती है। प्रभावशाली व्यक्तित्व हेतु शारीरिक ही नहीं अपितु मानसिक विकास मुख्यत: जिम्मेदार होता है। डॉ गुप्ता ने सामूहिक सहभागिता पद्धति अपनाते हुए उपस्थित विद्यार्थियों से भी उ्रनके विचार जानने का प्रयास किया। विद्यार्थियों ने अंग्रेजी भाषा की संप्रेषण क्षमता में कमी तथा झिझक संबंधी व्यावहारिक दिक्कतों का जिक्र किया। डॉ गुप्ता ने प्रभावशाली तरीके से विद्यार्थियों से मॉक इंटरव्यू लेकर उनकी कमजोरियों का विश्लेषण किया तथा इन कमजोरियों पर विजय पाने के विभिन्न तरीके भी बताये। छात्र-छात्राओं ने गंभीरता पूर्वक इन कार्यक्रमों में अपनी सहभागिता दी।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुशील चन्द्र तिवारी ने अंग्रेजी विभाग द्वारा विस्तार गतिविधि के अंतर्गत आयोजित इन दोनों कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि महाविद्यालय में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु अनेक कार्यक्रमों का आयोजन प्रस्तावित है। इस वर्ष विद्यार्थियों हेतु प्रतिष्ठित कंपनियों द्वारा कैम्पस इंटरव्यू आयोजित किए जाने हेतु भी महाविद्यालय प्रशासन प्रयासरत है। उल्लेखनीय है कि विद्यार्थियों की अंग्रेजी भाषा की संप्रेषण क्षमता बढ़ाने हेतु महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में एक लैंग्वेज लैब की भी स्थापना यूजीसी के सहयोग से की गई है। इसका लाभ आने वाले समय में महाविद्यालय के विद्यार्थियों को मिलेगा।
इस अवसर पर विद्यार्थियों के अलावा अंग्रेजी विभाग की प्रमुख डॉ मीता चक्रवर्ती, डॉ नीरजा रानी पाठक, डॉ कमर तलत, डॉ सुरेखा जैन, डॉ सुचित्रा गुप्ता, डॉ मर्सी जार्ज, डॉ तरलोचन कौर तथा डॉ मीना मान भी उपस्थित थे।

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