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साइंस कालेज में आंतरिक अकादमिक ऑडिट

Feb 23, 2015

science college durgदुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के इतिहास में प्रथम बार आतंरिक अकादमिक ऑडिट प्रक्रिया अपनाई जा रही है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशीलचन्द्र तिवारी के अनुसार महाविद्यालय आईक्यूएसी के तत्वाधान में होने वाले इस आतंरिक अकादमिक ऑडिट प्रक्रिया के दौरान प्रत्येक विभागाध्यक्ष सत्र 2014-15 में अपने-अपने विभाग की उपलब्धियों तथा भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत करेंगे। read more
इसके अंतर्गत प्रवेषित विद्यार्थियों की संख्या, परीक्षा परिणाम, विभागीय स्नातकोत्तर/शोध छात्रों/प्राध्यापकों की उपलब्धियां, शोधकार्य, शोधपत्रों का प्रकाशन, सेमीनार/वर्कशॉप में सहभागिता, खेलकूद, सांस्कृतिक, विस्तार गतिविधियों, परीक्षा एवं मूल्यांकन संबंधी कार्यो में योगदान जैसे महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं। डॉ. तिवारी के अनुसार इस ऑडिट प्रक्रिया से विभिन्न विभागों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ेगी तथा अगामी सत्र में प्रत्येक विभाग और अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास करेगा। इस संबंध में आज महाविद्यालय में आयोजित विभागाध्यक्षों एवं प्रभारी प्राध्यापकों की बैठक में उक्ताशय के निर्देश प्राचार्य द्वारा दिये गये।
महाविद्यालय के विभिन्न स्नातकोत्तर विभागों द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी दक्षता सिध्द की गयी है। वर्तमान शिक्षण सत्र में प्राणीशास्त्र विभाग द्वारा राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन तथा इतिहास विभाग द्वारा मूर्तिकला निर्माण प्रशिक्षण शिविर एवं आगामी 27, 28 फरवरी को राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा आईक्यूएसी के सहयोग से विद्यार्थियों के अंग्रेजी भाषा सम्प्रेषण क्षमता में सुधार हेतु आमंत्रित व्याख्यान एवं 10 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन भी जारी है। भू-विज्ञान विभाग द्वारा विद्यार्थियों को विश्व स्तर के प्राध्यापकों से रूबरू करवाने के उद्देश्य से ताइवान के प्राध्यापक ग्रेग शैलनेट का व्याख्यान कराया गया, वहीं रसायन शास्त्र विभाग द्वारा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास हेतु अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
माइक्रोबायोलॉजी, वनस्पति शास्त्र, बायोटेक्नोलॉजी, प्राणी शास्त्र, भौतिक शास्त्र, गणित, इतिहास, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र, हिन्दी, भूगोल, मानव शास्त्र, मनोविज्ञान, कॉमर्स विभाग द्वारा शैक्षणिक भ्रमण के माध्यम से विद्यार्थियों को विषय की व्यावहारिक शिक्षा प्रदान की गई। वर्तमान में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की दृष्टि से राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर निबंध, पोस्टर एवं मौखिक प्रस्तुतिकरण संबंधी प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं, जिनसे विद्यार्थियों के मन में विषय के प्रति रुचि जागरण के साथ-साथ व्यक्तित्व विकास में भी सहायता मिलती है। विद्यार्थियों को व्यवहारिक ज्ञान उपलब्ध कराने हेतु महाविद्यालय में कॉमर्स लैब भी स्थापित किया गया है।
डॉ तिवारी के अनुसार आगामी सत्र 2016 में महाविद्याय में नैक टीम द्वारा पुन: मूल्यांकन कराया जाना प्रस्तावित है तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश के सर्वप्रथम ए ग्रेड प्राप्त महाविद्यालय में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास एवं रोजगार उपलब्ध करवाने हेतु अनेक सार्थक प्रयास जारी हैं। नैक एवं यूजीसी की मंशा के अनुरूप महाविद्यालय में मार्च के प्रथम सप्ताह में आंतरिक अकादमिक मूल्यांकन की प्रक्रिया आरंभ होगी। इसके पश्चात महाविद्यालय में खपत होने वाली विद्युत ऊर्जा के नियंत्रण हेतु एनर्जी आडिट भी राज्य शासन के क्रेडा विभाग द्वारा कराया जाना प्रस्तावित है। पर्यावरण संरक्षण की दृष्ट से महाविद्यालय परिसर का ग्रीम ऑडिट भी कराए जाने का निर्णय लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि महविद्यालय को यूजीसी की सीपीई फेस 3 योजना के अंतर्गत वनस्पति उद्यान का निर्माण करने तथा कैंपस को वाई-फाई बनाने हेतु राशि स्वीकृत की गई है। इसके साथ-साथ ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोत सौर ऊर्जा के माध्यम से महाविद्यालय मुख्य ग्रंथालय को संचालित करने हेतु भी महाविद्यालय प्रशासन प्रयासरत है।

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