भिलाई। दल्ली राजहरा की भारोत्तोलक, शक्तितोलक सुनीता विश्वकर्मा इस बार राष्ट्रीय शरीर सौष्ठव प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने जा रही हैं। यह पहली बार है जब इन खेलों में छत्तीसगढ़ की कोई महिला खिलाड़ी उतरेगी। छत्तीसगढ़ बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन के महासचिव अरविन्द सिंह का मानना है कि इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में एक नए युग का सूत्रपात होगा तथा और भी महिला खिलाड़ी इस खेल में आएंगी। read more
अरविन्द ने बताया कि कुश्ती, भारोत्तोलन, शक्तितोलन, पंजा कुश्ती एवं शरीर सौष्ठव के खिलाड़ी आरंभ में इनमें से किसी भी खेल के जरिए इस क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं। धीरे-धीरे वे अपनी क्षमताओं को पहचानते हैं और उसके अनुरूप क्षेत्र में महारत हासिल कर लेते हैं। पुरुषों के साथ भी ऐसा ही होता है और महिलाएं भी इसका अपवाद नहीं हैं। उन्होंने बताया कि पहली पीढ़ी के अधिकांश वेट लिफ्टर या पावर लिफ्टर कुश्ती जैसे खेलों से ही आगे आए। कुछ अन्य ने अन्यान्य खेलों के लिए वेट ट्रेनिंग शुरू किया और फिर अलग अलग विधाओं में चले गए।
1970 के दशक में इस क्षेत्र से जुड़े अरविन्द 1982 से इन खेलों को आगे बढ़ाने का प्रयत्न कर रहे हैं। 1982 से 1997 तक वे स्वयं खेलते रहे। 2001 में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वे बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन से जुड़ गए। वे बताते हैं कि दल्ली राजहरा की सुनीता भी आरंभ में भारोत्तोलक ही रहीं किन्तु पिछले एक वर्ष के दौरान उनका रुझान शरीर सौष्ठव की तरफ गया। पिछले वर्ष उन्होंने वडोदरा वल्र्ड ट्रायल में हिस्सा लिया था। इस बार वे गुजरात में आयोजित तृतीय सीनियर महिला वर्ग शरीर सौष्ठव के लिए चुनी गई हैं। वे राज्य की एकमात्र ऐसी खिलाड़ी हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में महिला शरीर सौष्ठव की अच्छी संभावना है। उन्हें उम्मीद है कि सुनीता के रूप में एक पहल हुई है तथा इसके अच्छे नतीजे आएंगे। आने वाले समय में हम पूरी टीम भेजने में समर्थ होंगे तथा पदक तालिका में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब होंगे।