भिलाई। छत्तीसगढ़ के आनुष्ठानिक लोकनाट्य रलस को समृद्ध करने की दृष्टि से दाऊ रामचंद्र देशमुख सांस्कृतिक समिति भिलाई व पंती ग्राम जरवाय के संयुक्त प्रयास से तीन दिवसीय रलस महोत्सव का आयोजन हुआ। आरंभ में मुख्य अतिथि पवन दीवान, अध्यक्ष श्रीमती सता साहू अध्यक्ष नगर पालिका परिषद भिलाई-चरोदा वरिष्ठ साहित्याकार डॉ परदेसी राम वर्मा, विशेष अतिथि प्रेमलाल साहू ने राधा कृष्ण की मनोहारी मूर्तियां व दाऊ राम चन्द्र देशमुख संस्कारी पुरोधा के तेल चित्र पर माल्यार्पण किया। अतिथियों के उद्बोधन पश्चात रलस नाट्य की पारम्परिक शैली में प्रस्तुत कर सुप्रसिद्ध नाचा कलाकार जेठू पकला के शिष्य माते लखन का नाच रात भर दर्शकों को बांधे रखा। लोक नाट्य की शेली में प्रस्तुत गम्मत चलवन्तीन, गोसईन के चुटीले संवादों ने दर्शकों को हंसाया। साथ ही समाज में लोगों के बदलते नैतिक आचरण, प्रादेशिक पृष्ठभूमि में प्रचलित भाषा शैली में संवाद ने दर्शकों को बांधे रखा। वहीं चटकदार व चमकीले परिधान में परियों का नृत्य दर्शकों को मोहित करने वाला था।