भिलाई। यदि हम पृथ्वी को प्रसन्न देखना चाहते हैं तो जनसंख्या को स्थिर करना होगा। सुखी दुनिया के लिये युवावर्ग में जागृति लाना, नारी शिक्षा और स्त्री सशक्तीकरण आदि कुछ कारगर उपाय अपनाने होंगे। 1.2 अरब जनसंख्या के साथ जनसंख्या विस्फोट में, पूरे विश्व में चीन के बाद भारत दूसरे स्थान पर हैं। जनसंख्या के जिन्न से भयभीत विशेषज्ञों ने चिन्ता जताई है कि नियन्त्रण और स्थिरीकरण न किया गया तो 2030 तक हम पहले स्थान पर भी आ सकते हैं। Read More
साहित्य मनीषी शिक्षाविद् डॉ. महेशचन्द्र शर्मा ने उक्त उद्गार शासकीय नवीन महाविद्यालय खुर्सीपार में जनसंख्या स्थिरीकरण सप्ताह के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुये कहीं। उन्होंने कहा कि छोटे परिवार में ही बच्चों को उत्तम शिक्षा और अच्छा स्वास्थ्य उपलब्ध करा सकते हैं। प्राकृतिक संसाधनों के सीमित और समुचित दोहन से ही मनुष्य खुद को धरती की श्रेष्ठ योनि मानने के परम्परागत स्वाभिमान को सुरक्षित रख पायेगा।
शासकीय नवीन महाविद्यालय खुर्सीपार के प्राचार्य (अतिरिक्त प्रभार) डॉ. शर्मा ने आगे कहा कि गुणवान एक सन्तान, सौ मूर्ख सन्तानों से अच्छी है। असंख्य तारे भी उस अन्धेरे को दूर नहीं कर सकते जिसको अकेला सूर्य कर सकता है। एक शेर की माँ शेरनी निश्चिन्त हो के सोती है और अनेक गदहों की माँ गदही जीवन भर वजन ढोती है। आचार्य शर्मा ने कहा कि- रामायण और महाभारत के उदाहरण भी हमारे सामने हैं।
कार्यक्रम के शुरू में संयोजिका एवं अर्थशास्त्र की विभागाध्यक्ष श्रीमती अनिता मेश्राम ने राष्ट्रीय जनसंख्या स्थिरता कोष पर आधारित अपने विचार रखे। बालिका शिक्षा का महत्व बताते हुये उन्होंने बाल विवाह एवं भ्रूण परीक्षण को इस सन्दर्भ में अनुचित बताया। श्रीमती मेश्राम ने अन्त में आभार ज्ञापन भी किया। मौके पर श्रीमती डॉ. शीला शर्मा, डॉ. रमेश कुमार मिश्र, श्रीमती डॉ. सुनीता मिश्र, श्रीमती डॉ. सुनीता झा, श्रीमती डॉ. अल्का शुक्ल समेत प्राध्यापकों एवं प्रबुद्ध नागरिकों ने सक्रिय उपस्थिति दी। ज्ञातव्य है कि इसके पूर्व कॉलेज में प्राचार्य डॉ. महेशचन्द्र शर्मा के मार्गदर्शन में स्वच्छ भारत मिशन, अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस, सफाई सप्ताह और डिजिटल इण्डिया सप्ताह आदि के भी सफल आयोजन होते रहे है।