भिलाई। वर्तमान में नई पीढ़ी के महत्वकांक्षी युवाओं के लिये ग्रेजुएशन समाप्ति के बाद एमबीए कर मैनेजमेंट की डिग्री हासिल करना पहली पसंद बनता जा रहा है। इस कोर्स में युवाओं को ऐसी शिक्षा प्रदान की जाती है जिससे वह व्यवसायिक सिद्धांतों के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त कर ले। इस कोर्स में यह सिखाया जाता है कि विभिन्न बिजनेस टूल्स तथा वर्किंग सिस्टम्स का अनुसरण करते हुए किस प्रकार व्यवसायिक लाभ पर नजर रखते हुए व्यवसायिक कार्य की प्लानिंग की जाये। Read More
एमबीए कोर्स के अंतर्गत युवाओं के संपूर्ण व्यक्तित्व निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाता है जिसमें कम्यूनिकेशन स्किल्स, कॉन्फीडेन्स के साथ-साथ व्यवसायिक सिद्धांतों, एनालिटिकल एबिलिटी तथा मैनेजमेंट का पूर्ण ज्ञान प्रदान कर एक संपूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण किया जाता है। एमबीए शिक्षा के अंतर्गत युवाओं में कार्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी को बखूबी से समझतें हुए पूरी जिम्मेदारी से पूर्ण करने की क्षमता विकसित की जाती है।
एमबीए डिग्री प्राप्त युवाओं के लिये अवसर
एमबीए करने के पश्चात युवाओं के पास दो विकल्प होते हैं, जिसमें पहला विकल्प प्रोडक्ट बेस्ड अथवा सर्विस बेस्ड स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करना तथा दूसरा ऐसी सभी कंपनियों में मैनेजर के पद पर कार्य करना। देश-विदेश में प्रतिष्ठित कंपनियों को आज मैनपावर मैनेजमेन्ट अर्थात दूसरों से व्यवस्थित तरीके से काम करवाने वाले मैनेजरों की तीव्रता से तलाश होती है। विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के अंतर्गत डिग्री प्राप्त कर निकले युवाओं को रोजगार के अवसर या मांग मार्केट में उनकी डिमांड एवं सप्लाई पर निर्भर करती है। जहां एक ओर अर्थव्यवस्था में मंदी के दौर में एमबीए प्रोफेशनल्स को भी प्रभावित किया था वहीं आज जब अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होकर वापस पटरी पर दौड़ने लगी है, एमबीए प्रोफेशनल्स की डिमांड में लगातार वृद्धि हो रही है। हालांकि दौर कैसा भी हो सभी प्रकार के उद्योगों एवं कंपनियों में ऐसे कुशल मैनेजर्स तथा सुपरवाईजरों की सदैव आवश्यकता रहती है जो कि कार्य की प्लानिंग, उसका क्रियान्वयन एवं उसका निष्पादन करा सकें। इनके ज्ञान का उपयोग कंपनियां किसी भी कार्य की कार्य योजना बनाने, रणनीति बनाने एवं उसका निष्पादन करने में अधिक प्रभावकारी तरीके से उपयोग में लाती है।
कॉर्पोरेट व सरकारी क्षेत्र में भी बढ़ रही पूछ-परख
आज कंपनियां एक ऐसे मैनेजमेंट स्किल्स रखने वाले मैनेजर चाहती हैं जिसमें लागत और समय सीमा का ध्यान रखते हुए टीम बिल्डिंग तथा लोगों से काम निकलवाने की क्षमता हो। विदेशी निवेश को बढ़ावा देने की सरकार की नीतियों के चलते भारत जैसे देश में विभिन्न कंपनियां अलग-अलग सेक्टर्स में निवेश की संभावनायें तलाश रही हैं वहीं कई कंपनियों ने भारी मात्रा में निवेश करना प्रारंभ भी कर दिया है। भारतीय भौगोलिक वातावरण, भाषा, संस्कृति का कम ज्ञान रखने वाली इन विदेशी कंपनियों को अपने विस्तारीकरण प्रोजेक्ट्स में भारतीय मैनेजर्स बहुत सुहाते हैं जिससे इनमें एमबीए शिक्षा प्राप्त युवाओं के लिये जॉब आॅपरच्यूनिटीज बढ़ी हैं। इसके अलावा देश में सरकारी तथा निजी बैंकों, रेल्वे, सरकारी विभागों आदि में भर्ती की आई बाढ़ में एमबीए शिक्षा प्राप्त युवाओं की मात्र ग्रेजुएट उम्मीदवारों की अपेक्षा अधिक पूछ-परख होने लगी है। प्रबंधन छात्रों के लिये आज विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं मार्केटिंग में एमबीए किये युवाओं के लिये आसानी से किसी बैंक में सेल्स आॅफीसर, सेल्स मैनेजर अथवा बीमा अधिकारी का जॉब मिल सकता है। इसी प्रकार यदि आपने एचआर में एमबीए किया है तो किसी भी रिक्रूटमेंट फर्म या कॉर्पोरेट सेक्टर में मानव संसाधन विभाग में जॉब के अच्छे अवसर उपलब्ध हैं। कार्पोरेट सेक्टर में एमबीए प्रोफेशनल्स को नौकरी पर रखना चाहती हैं क्योकि इनमें मैनेजमेन्ट की समझ तथा प्रोफेशनल एनवायरमेंट में काम करने की क्षमता होती है।
पालकों पर पड़ रहा कम आर्थिक बोझ
यदि पालक की दृष्टि से सोचा जाए छ.ग. में ही क्वालिटी मैनेजमेंट एजुकेशन तथा इसके पश्चात कैम्पस प्लेसमेंट होने से वे आज मैनेजमेंट एजुकेशन हेतु राज्य से बाहर जाकर पढ़ने पर होने वाले अतिरिक्त आर्थिक बोझ से वे मुक्त हो गये हैं। छत्तीसगढ़ में नया रायपुर में आईटी तथा ईलेक्ट्रॉनिक्स पार्क की स्थापना से यहां आ रही नेशनल तथा मल्टीनेशनल कंपनियों में भी रोजगार के अनेक अवसर बनेंगे। इस लिहाज से प्रबंधन की पढ़ाई रोजगार के अवसरों के मद्देनजर सोने की खान साबित होगी। यही वह प्रमुख वजह है कि प्रबंधन की शिक्षा के प्रति युवाओं में रूझान बढ़ रहा है।
एक्सपर्ट व्यू
एमबीए जैसे प्रोफेशनल कोर्स को करते समय स्टूडेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिये कि वे अध्ययन के दौरान सिलेबस के साथ-साथ अधिक से अधिक अतिरिक्त प्रैक्टिकल वर्किंग पर ध्यान दें। स्टूडेंट्स के लिये ऐसे मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट का चुनाव आवश्यक होता है जहां मैनेजमेंट के अनुभवी प्राध्यापकों का मार्गदर्शन, गेस्ट लेक्चर्स, इंडस्ट्रियल विजिट, सेमीनार्स, आॅन-द-जॉब ट्रेनिंग आदि का नियमित रूप से आयोजन हो। ये बातें इनके कैरियर निर्माण में अहम भूमिका रखती हैं। एमबीए कोर्स के इच्छुक विद्यार्थियों के लिये अच्छे मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट का चुनाव ही अत्यंत महत्वपूर्ण है। आरसीईटी में यह सभी सुविधायें उपलब्ध हैं।
डॉ. मनोज वर्गीस, हेड-मैनेजमेन्ट विभाग,
रूंगटा कॉलेज आॅफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी, भिलाईएमबीए कोर्सेस करने के इच्छुक स्टूडेंट्स के लिये कॉलेज का चुनाव करते समय सबसे अहम मुद्दा इंस्टीट्यूट में हो रहे कैम्पस प्लेसमेंट का होना चाहिये। आज स्थिति यह है कि हम क्वालिटी मैनेजमेंट एजुकेशन के साथ-साथ नेशनल तथा मल्टी-नेशनल कंपनियों में स्टूडेंट्स को अच्छे जॉब आॅफर्स प्रदान करने में भी सक्षम हैं। इस वर्ष आरसीइटी के एमबीए कोर्स के फायनल ईयर स्टूडेंट्स के लिये कैम्पस प्लेसमेंट हेतु आने वाली प्रमुख कंपनियों में टीसीएस, विप्रो, एचसीएल, एक्सिस बैंक, कोटक-महिन्द्रा बैंक, श्रीराम ट्रांसपोर्ट फायनेंस, एनजे म्यूचअल फण्ड, एचडीएफसी लाईफ, आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल सहित अन्य कई कंपनियां रहीं जिन्होंने स्टूडेंट्स को सिलेक्ट कर अच्छे पैकेजेस पर जॉब आॅफर किये। हमारे समूह के कॉमन ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट डिपाटर्मेंट द्वारा स्टूडेंट्स के कम्यूनिकेशन स्किल्स, सॉॅफ्ट स्किल्स डेवलपमेंट तथा इंटरव्यू से संबंधित शिक्षण-प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाता है जिसके कारण मैनेजमेंट स्टूडेंट को जॉब आॅफर्स प्राप्त करने में आसानी हो रही है।
सोनल रूंगटा, डायरेक्टर (एफएण्डए)
संतोष रूंगटा ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशन्स, भिलाई-रायपुर