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एथिक्स क्लब ने देखा गांव, किया संकल्प

Aug 24, 2016

ethics_clubभिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के शिक्षा विभाग के एथिक्स क्लब के तत्वावधान में अभिनव पहल के तहत 20 अगस्त, 2016 को क्लब के चयनित छात्र-छात्राओं को ग्राम भ्रमण करवाया गया। इसके लिए संयंत्र के सीएसआर विभाग द्वारा गोद लिये गये गाँवों की सूची में से एक ग्राम-मचान्दुर का चयन किया गया। सहायक प्रबंधक (शिक्षा) श्री सुनील मुदलियार की देखरेख में भिलाई से स्कूलों के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों की टीम ग्राम-मचान्दुर भ्रमण के लिए गई। इस टीम में विद्यार्थियों के अलावा हेड मिस्ट्रेस सुश्री मिठू मजुमदार, शिक्षकगण श्री राम सुड़के, श्रीमती सपना अवस्थी, श्रीमती महुआ चटर्जी एवं श्री सतीश मिश्र शामिल थे। प्राचार्य शासकीय उच्चतर विद्यालय, मचान्दुर श्रीमती एम गोपीनाथन ने उक्त टीम के पहँुचने पर सभी का स्वागत किया। ग्राम-मचान्दुर की सरपंच श्रीमती सरिता साहू ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। एथिक्स क्लब के छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस दौरान जहाँ विद्यार्थियों ने साँस्कृतिक कार्यक्रमों की रंगबिरंगी प्रस्तुतियाँ दी, वहीं शासकीय उच्चतर विद्यालय, मचान्दुर के विद्यार्थियों द्वारा लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया। इस दौरान भिलाई के छात्र-छात्राओं ने पर्यावरण सरंक्षण से संबंधित चर्चा की। साथ ही नृत्य नाटिका, जीवन मूल्यों पर आधारित लघु नाटिका तथा देशभक्ति पर आधारित नृत्य की प्रस्तुति भी दीं। जिसने उपस्थितों का मन मोह लिया। इस अवसर पर बीएसपी, शिक्षा विभाग के एथिक्स क्लब द्वारा प्राचार्य शासकीय उच्चतर विद्यालय, मचान्दुर को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।
तत्पश्चात् ग्राम-मचान्दुर की सरपंच श्रीमती सरिता साहू ने सभी छात्र-छात्राओं को ग्राम भ्रमण करवाया। बच्चों ने वहाँ ग्रामीणों द्वारा उन्नत किये गए औषधीय उपयोग में आने वाले वृक्षों का वन देखा, जहाँ पर सैकड़ों की संख्या में आँवले, नीबू एवं अन्य औषधीय उपयोग में आने वाले वृक्ष लगाये हैं। इन वृक्षों की देखभाल ग्रामीण स्वयं करते हैं। इस दौरान एथिक्स क्लब के विद्यार्थियों ने किसानों को खेतों में काम करते हुए देखा एवं उनकी कठिन परिश्रम से अन्न उगने की प्रक्रिया को जाना और समझा तथा बच्चों ने अन्न को बरबाद न करने की प्रतिज्ञा ली।
भिलाई के बच्चों ने ग्रामीण परिवेश में सारा दिन रहकर टीवी, मोबाइल एवं इंटरनेट से दूर एक नई ऊर्जा को महसूस किया। इस ग्रामीण परिवेश के भ्रमण से विद्यार्थियों के जीवन में मानवीय मूल्यों के प्रति लगाव में रूचि बढ़ेगी।

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