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कोडिय़ा में राज्य स्तरीय वन महोत्सव

Aug 13, 2016

mahavriksharopan1मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्रा ने लगाए आम के वृक्ष
दुर्ग। हरियर छत्तीसगढ़ योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के मुख्य आतिथ्य और केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम मंत्री कलराज मिश्रा की अध्यक्षता में दुर्ग जिले के धमधा विकासखण्ड के ग्राम कोडिय़ा में राज्य स्तरीय वन महोत्सव का आयोजन किया गया है।
mahavriksharopanमुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्रा ने यहां आम के वृक्ष लगाकर यहां 82 एकड़ के व्यापक भू-भाग को हरा-भरा करने की शुरूआत की। इस अवसर पर हजारों की संख्या में उपस्थित स्काउट एवं गाईड, एनसीसी, एनएसएस के साथ-साथ तकनीकी विश्वविद्यालय और दुर्ग विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, अनेक स्वयंसेवी, सामाजिक और विविध संस्थाओं एवं संगठनों के पदाधिकारियों तथा पंचायतों एवं नागरिकों की उत्साहपूर्वक सहभागिता से यहां फलदार, पर्यावरण की दृष्टि से 6 से 12 फीट उंचाई वाले वृक्षों और औषधीय पौधों का वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बॉस-बाड़ी योजना और स्कूल नर्सरी योजना की शुरूआत भी की।
समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में वृक्षारोपण अभियान को जन आंदोलन का रूप दे दिया गया है। इसमें ना केवल स्काउट एवं गाइड, एनसीसी और एनएसएस के छात्र-छात्राएं, स्कूल और कालेजों के विद्यार्थी उत्साहपूर्वक और पूरे उमंग के साथ जुड़ रहे हैं बल्कि हर एक तरह के संस्थाओं, समाज के लोगों और पंचायतें तथा नागरिकगण भी जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति के संरक्षण के लिए विद्यार्थियों, आम नागरिकों, पंचायतों और ग्रामीणजनों की उपस्थिति जनभागीदारी और सहभागिता की एक जीती-जागती मिसाल है। उन्होंने कहा कि जिस उत्साह से बच्चे इस अभियान से जुड़े है, उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि नई पीढ़ी अपने पर्यावरण के प्रति कितनी चिंतित और समर्पित है। उन्होंने कहा कि पेड़ों से ही हम सभी का अस्तित्व है। अगर पेड़ खत्म हो जाएंगे तो प्रकृति और हम सभी खत्म हो जाएंगे। पेड़ लगाकर व्यक्ति ना केवल प्रकृति की रक्षा करता है बल्कि पेड़ों के माध्यम से वह भी 100 साल तक जीवित रहता है। उसके लगाए गए पेड़ व्यक्ति की पहचान देते हैं और उनके जीवंतता का अहसास दिलाते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में चिडिय़ां और नन्हें जीव पलते, बढ़ते और जीवित रहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वृक्षारोपण के लिए छत्तीसगढ़ में एक बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 2 करोड़ 70 लाख की आबादी वाले इस राज्य में इस वर्ष 10 करोड़ पौधे रोपण करने का लक्ष्य है। पूरे हिन्दुस्तान में छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां इतना बड़ा अभियान प्रारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि यहां अधिक उंचाई के पौधे रोपित किए गए हैं इनकी जीवंतता अधिक रहेगी और ये जल्दी हरे-भरे होकर शुद्ध हवा, हरियाली, छाया और फल देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में व्यापक वृक्षारोपण होने से स्वयंसेवी संस्थाओं को रोजगार का साधन मिलेगा तथा फल का उपयोग यहां के निवासी और बच्चे करेंगे।
केन्द्रीय मंत्री श्री कलराज मिश्रा ने कहा कि पेड़ लगाना शुभ कार्य है। छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जो प्रकृति की गोद में है और यहां की छटा आकर्षक है। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण से ना केवल स्वास्थ्य अच्छा होगा बल्कि विकास होगा। उन्होंने कहा कि जिस व्यापकता से छत्तीसगढ़ से वृक्षारोपण कार्य किया जा रहा है ऐसे आयोजनों से यह भी हो सकता है कि छत्तीसगढ़ का नाम वृक्षारोपण की दृष्टि से गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में आ जाए। उन्होंने कहा कि पेड़ सात्विक और देवत्व का प्रदर्शन भी है और उनका संरक्षण करें।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए वनमंत्री श्री महेश गागड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में पूरे राज्य में 10 करोड़ वृक्षारोपण करने का वृहद कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के दुर्ग, बेमेतरा और मुंगेली ऐसे जिले है जहां वन नहीं है। यहां वृहद वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि आज स्कूल नर्सरी योजना और मुख्यमंत्री बाड़ी बांस योजना का भी शुभारंभ किया जा रहा है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने ग्राम कोडिय़ा में हाट बाजार के शेड निर्माण के लिए 10 लाख रूपए और सीसी रोड निर्माण के लिए 10 रूपए स्वीकृत किए तथा मनबा तलाब के पास ओहरहेड सोलर पंप की स्वीकृति प्रदान की तथा मिनीमाता भवन के बाउंड्री भी स्वीकृति प्रदान की।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य शासन के राजस्व एवं उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, संसदीय सचिव श्री लाभचंद बाफना, विधायक अहिवारा श्री सांवला राम डाहरे, पूर्व सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ मर्यादित श्री भरत साय, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम श्री श्रीनिवास राव मद्दी, अध्यक्ष जिला पंचायत, दुर्ग श्रीमती माया बेलचंदन, भारत स्काउट एंड गाइड के मुख्य राज्य आयुक्त श्री गजेंद्र यादव, अध्यक्ष जनपद पंचायत धमधा श्री जयसिंह राजपूत, सरपंच ग्राम पंचायत कोडिय़ा श्रीमती बसंती बाई साहू सहित प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री बी.एल. शरण, कमिश्नर श्री ब्रजेश चंद्र मिश्र, कलेक्टर श्रीमती आर. शंगीता, मुख्य वन संरक्षक दुर्ग श्री व्ही. श्रीनिवास राव, कार्यक्रम के नोडल अधिकारी तथा भिलाई नगर निगम के आयुक्त श्री नरेन्द्र दुग्गा विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुर्गा से अधिक उपयोगी है मुनगा : रमन
वृक्षारोपण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मुनगा केवल तीन वर्षों में फलने लगता है। यह आयरन का एक बेहतर स्रोत है। इससे कारण सब्जी और दाल को पौष्टिक एवं स्वादिष्ट बनाने में इसकी अहम भूमिका है। प्रोटीन और आयरन की जरूरत को देखते हुए भोजन के रूप में मुर्गा से भी अच्छा मुनगा है। हमारा प्रयास है कि मुनगा के पेड़ आंगनबाडिय़ों और स्कूलों में लगाया जाए जिससे वहां के बच्चे इनका उपयोग कर सके।
गेंद लाल देशमुख का सम्मान
समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्रा ने ग्राम कोडिय़ा के वयोवृद्ध पर्यावरण संरक्षक गेंद लाल देशमुख का शॉल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। उल्लेखनीय है कि 83 वर्षीय श्री देशमुख ने लगभग एक लाख पौधरोपण किया है। उन्होंने बरगद, पीपल, नीम जैसे पौधों के साथ-साथ सड़क के किनारे व्यापक रूप से पौधरोपण भी किया है।
82 एकड़ में 36 हजार पौधे रोपित किए गए
दुर्ग जिले के धमधा विकासखण्ड के ग्राम कोडिय़ा के 32.70 हेक्टेयर अर्थात् करीब 82 एकड़ के विशाल भू-भाग में करीब 36 हजार पौधे रोपित किए गए हैं। इस व्यापक भू-भाग में 6 से 12 फीट उंचाई वाले तथा पर्यावरण की दृष्टि से उपयोगी फलदार, छायादार, शोभायमान और औषधीय प्रजाति के पौधे रोपित किए गए हैं। इसमें बरगद, पीपल, नीम, अर्जुन, शीशम, बेल, हर्रा, बहेरा, आंवला, अमलदास, कचनार, करण, माहोगनी, आम, इमली, झूमर, सर्पगंधा, गंगा इमली, सिंदूरी, शिकाकाई, गिलोय, सतावर, तिखुर, मेहंदी, पारिजात, सीताफल, अडूसा, मंडूकपर्णी, हडज़ोड़ पौधे लगाए गए हैं। यह भी उल्लेखनीय है वन विभाग द्वारा आगामी तीन वर्षों तक इनकी संरक्षण कार्य किया जाएगा। इसी तरह का वृक्षारोपण समीप के गांव देउरझाल में भी किया गया है। जहां 82 एकड़ में 36 हजार पौधों का रोपण किया गया है तथा अहिवारा क्षेत्र में भी 26 हजार पौधे लगाए गए हैं।

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