दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर महाविद्यालय के गजानन मुक्तिबोध हॉल में गणित विभाग के तत्वावधान तथा प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी के निर्देशन में बी.एससी अंतिम और एम.एससी गणित के विद्यार्थियों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य पढ़ाई के बाद सरकारी या प्राइवेट नौकरी में जाने के लिए किन विशेष बातों की आवश्यकता है, पर बातचीत की गई।
कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता प्रो. अनुपम कुमार तैलंग ने कार्यक्रम की शुरूआत बहुत रोचक तरीके से की। उन्होंने उपस्थित सभी विद्यार्थियों को चार समूहों में बांटा, उनके लीडर नियुक्त किए और जानना चाहा कि वे भारत की किन-किन बड़े शहरों में नौकरी करना चाहते हैं और क्यों। उन्होंने अलग अलग विद्यार्थियों से उनकी मनपसंद नौकरी के बारे से बातचीत की। उन्होंने बताया कि सरकारी नौकरी के कम होने के कारण हमें प्राइवेट नौकरी की ओर भी जाने की कोशिश करना चाहिए। हमें अपने आत्मविश्वास को बनाकर रखना चाहिए। हमारे अंदर प्रतियोगात्मक क्षमता को हमें बढ़ाना चाहिए। हम अपने आत्मविश्वास को अभ्यास के द्वारा बढ़ा सकते हैं। किसी भी चीज का ज्ञान तो आवश्यक है लेकिन उससे भी जरूरी है कि हम अपने आप को किस तरह प्रस्तुत करते हैं। हम किस तरह से साक्षात्कार समूह के सामने अपना परिचय देते है। उन्होंने यह बताया कि भाषा को अपनी कमजोरी नही मानना चाहिए। यदि अंग्रेजी नही आती तो कोशिश करनी चाहिए लेकिन उसे अपनी अक्षमता नही मानना चाहिए। किसी भी कंपनी में जाने से पहले उसकी कार्य प्रणाली की जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए।
विभाग की डॉ. पद्मावती ने डॉ. तैलंग का परिचय दिया। परिचय देने के तरीके से डॉ. तैलंग काफी प्रभावित हुए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. प्राची सिंह ने बताया कि हमारे विद्यार्थियों की क्षमता में किसी तरह की कोई कमी नहीं है और उसका प्रदर्शन हमारे विद्यार्थियों ने अपने व्यक्तव्य में किया। विभागाध्यक्ष डॉ. सिद्दीकी के धन्यवाद ज्ञापन से पहले विद्यार्थियों राकेश पटेल, हेमलता, लीलाधर देशमुख, विवेक आदि ने कार्यक्रम के संबंध में अपने विचार प्रस्तुत किए और संभावना जाहिर की कि इस तरह के जागरूकतावध्र्दक कार्यक्रम आगे भी होते रहेंगे।