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युवा भी बन सकते है अच्छे कवि और लेखक – आचार्य शर्मा

Oct 15, 2016

रचनात्मक लेखन कार्यशाला में डॉ. महेशचन्द्र शर्मा ने दिये टिप्स
acarya-mahesh-chandra-sharmभिलाई। ‘छत्तीसगढ़ की वसुन्धरा अनादिकाल से कवि एवं लेखकों की जन्मभूमि रही हैै। यहाँ आदिकवि वाल्मीकि आदि नाट्यशास्त्री भरतमुनि एवं कविकुल गुरू कालिदास ने कालजयी और चिन्तक परक रचनायें रचीं। छायावाद के प्रवर्तक पं. मुकुटधर जी पाण्डेय, लेखक-पत्रकार पं. माधव राव जी सप्रे, निबन्धकार-संपादक पदुमलाल पुन्नालाल जी बख्शी, बहुआयामी कवि-लेखक आचार्य डॉ. बलदेव प्रसाद जी मिश्र एवं विषिष्ट कवि गजानन माधव जी मुक्तिबोध समेत बड़ी संख्या में रचनाकारों ने इसी धरती से विश्व साहित्य को समृध्द किया। वर्तमान में भी हमारे अनेक साहित्यकार सर्जना में संलग्न हैं वैदिक काल से ही महिला शक्ति भी लेखन कर्म में पीछे नहीं रही। अपाला, लोपामुद्रा, घोष, गार्गी और मैत्रेयी आदि अनेक नामों को प्राय: सभी जानते है। मीराबाई, श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान तथा महादेवी वर्मा की आधुनिक परम्परा को आगे बढ़ाते हुये अब छात्राओं को आगे आना चाहिये।Ó ये विचार हैं अनेक पुस्तकों और सैकड़ो रचनाओं के लेखक एवं शिक्षाविद् आचार्य डॉ. महेशचन्द्र शर्मा के। आचार्य डॉ. शर्मा विशेषज्ञ लेखक के रूप में रायपुर के प्रतिष्ठित जगन्नाथराव दानी शासकीय विद्यालय में छात्राओं हेतु आयोजित रचनात्मक लेखन कार्यशाला में मार्गदर्शन दे रहे थे। वे राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एन.बी.टी.) मानव संसाधन विकास मन्त्रालय, भारत शासन, नई दिल्ली एवं लोकशिक्षण संचालनालय, शालेय शिक्षा विभाग छ.ग. शासन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित उक्त लेखन कार्यशाला में विशेष रूप से आमन्त्रित थे। आचार्य शर्मा ने सरल और रोचक भाषा शैली में वैदिक साहित्य, रामायण एवं महाभारत को लेखन के स्रोत के रूप में युवालेखकों के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि लेखन से यश और धन प्राप्ति के साथ व्यवहार ज्ञान भी बढ़ता है। यद्यपि लेखन प्रतिभा जन्मजात होती है, तथापि निपुणता, अभ्यास और अनुभवियों के मार्गदर्शन से भी किसी सीमा तक प्राप्त की जा सकती है। आचार्य डॉ. शर्मा ने भावी रचनाकारों को उच्चारण, प्रस्तुति, भाषा-शैली, विषय-वस्तु एवं शिल्प पर भी अच्छा मार्गदर्शन दिया। इस अवसर पर एन.बी.टी. नई दिल्ली के अध्यक्ष बलदेव भाई शर्मा, सम्पादक डॉ. ललित मंडोरा, मुरादाबाद से डॉ. विशेष गुप्ता, छत्तीसगढ़ के डॉ सुशील त्रिवेदी रमेश नैयर, चन्द्रशेखर व्यास, गिरीश पंकज, तेजेन्दर सिंह, आसिफ इकबाल, जयप्रकाश रथ एवं शायर मुमताज आदि ने भी उपस्थित होकर भावी कवि-लेखकों का अच्छा मार्गदर्शन किया। मौके पर बड़ी संख्या में उपस्थित विद्यार्थियों ने प्रशिक्षण का लाभ उठाया।

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