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बढ़ा बेटियों का मान, उच्च शिक्षा की ओर रूझान

Dec 6, 2016

लैपटाप व टेबलेट से युवाओं की मुट्ठी में आयी तकनीकी और ज्ञान की दुनिया
laptop-shankaracharyaदुर्ग। राष्ट्र के निर्माण और विकास में युवाओं की भूमिका अहम होती है। वे देश को नए ऊंचाईयों और बुलंदियों पर पहुंचाने में सबसे बड़े कारक रहते हैं। युवाओं की इसी शक्ति और ऊर्जा को पहचान कर देश और प्रदेश के विकास, कल्याण व प्रगति में सहायक बनाने की दृष्टि से राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ सूचना क्रांति योजना प्रारंभ की गई है। इसके तहत इंजीनियरिंग, चिकित्सा एवं तकनीकी उच्च शिक्षण संस्थाओं के स्नातक/स्नातकोत्तर उपाधि के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत् विद्यार्थियों को नि:शुल्क लैपटॉप दिया जाता है। इस योजना के तहत दुर्ग जिले में विगत वर्षों में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मानस भवन दुर्ग में महाविद्यालय में पढऩे वाले 5 हजार 800 छात्र-छात्राओं को टेबलेट और पंडित रविशंकर स्टेडियम दुर्ग में इंजीनियंरंग कॉलेज के 6 हजार 493 विद्यार्थियों को लैपटाप प्रदान किया। इसी क्रम में उन्होंने पिछले माह शंकराचार्य टेक्नीकल कैम्पस जुनवानी में 5 हजार 484 विद्यार्थियों को लैपटाप प्रदाय किया।इन सभी अवसरों पर मुख्यमंत्री के हाथों अपना खुद का नया लैपटॉप पाकर विद्यार्थी न केवल खुशी से सराबोर हो गये बल्कि उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और उनके साथ अपने-अपने मोबाईलों से सेल्फी भी ली। पार्थिवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड मैनेजमेंट में इलेक्ट्रीकल की पढ़ाई करने वाले श्री नितिन साहू ने बताया कि कॉलेज में प्रवेश लेने के बाद से उसकी प्रबल इच्छा थी कि उसके पास खुद का लैपटॉप हो, लेकिन घर की आर्थिक कठिनाईयों के कारण उसे लैपटॉप के स्थान पर स्मार्ट फोन लेना पड़ा और उसी से कम्प्यूटर के कुछ कार्य करने पड़े, लेकिन फोन की क्षमता और फंक्शन सीमित होता है। आज तीन सालों के इंतजार के बाद उसके लैपटॉप का सपना पूरा हुआ है और वह मुख्यमंत्री और राज्य सरकार को इसके लिए धन्यवाद देना चाहता है।
छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी राजनांदगांव में सिविल की पढ़ाई कर रही सातवें सेमेस्टर की छात्रा हाउजा मंसूरी ने बताया कि यह लैपटॉप उसकी जिंदगी का पहला लैपटॉप है जो उसका खुद का है। इसके पहले जरूरत पडऩे पर उसे अपने भाई से लैपटॉप लेना पड़ता था। बीआईटी दुर्ग की बालिका देविका और रूचि बंजारे ने बताया कि वे अपना लैपटॉप को पाकर गौरवान्वित महसूस कर रही है। राज्य शासन के ये निर्णय बेटियों को उच्च शिक्षा लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और उन्हें गौरव का अहसास दिलाते हैं। लैपटाप या टेबलेट मिलने से देश-दुनिया से उनकी कनेक्टीविटी बढ़ी है और तकनीकी और ज्ञानर्जन में उन्हें मदद मिली है।
राज्य शासन ने ऐसा ही एक अन्य बड़ा निर्णय लेकर महाविद्यालय में अध्ययन करने वाले बालिकाओं को नि:शुल्क शिक्षा देने का लिया है। इससे एक ओर जहां पैसे के अभाव में कॉलेज में प्रवेश नहीं लेने वाले परिवारों को बड़ी राहत मिली है, वही अब हर परिवार अपनी बेटियों को कॉलेज में दाखिला दिलाकर आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए सक्षम भी बना है। योजना से बड़ी संख्या में बेटियों को प्रवेश कॉलेजों में लेना संभव हुआ है। उच्च शिक्षा में बेटियों का रूझान बढऩे से समाज में उनका सम्मान व गौरव भी बढ़ा है।

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