दुर्ग। शासकीय डॉ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में महाविद्यालय के भूतपूर्व विद्याथिर्यों का एलुमिनी सम्मेलन आयोजित किया गया। इस अवसर पर ‘छोटी बहनझ् छात्रवृत्ति की शुरूआत करने का निर्णय लिया। 20-25 वर्षों पुराने विद्याथिर्यों ने इस अवसर पर पुराने दिनों की यादों को सांझा किया। भूतपूर्व छात्राओं ने आपस में राशि एकत्र कर छोटी बहन छात्रवृत्ति देने का फैसला किया। महाविद्यालय में अध्ययनरत १० छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान करेगीं जिससे वे अपनी पढ़ाई अच्छे ढंग कर सके व उनकी पढ़ाई में कोई कमी न रहे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने भूतपूर्व छात्राओं की इस पहल को अनुकरणीय बताते हुए एलुमिनी एसोशिएसन को सार्थक बताया।एलुमिनी एसोशिएसन की प्रभारी डॉ. ज्योति भरणे एवं डॉ. रेशमा लॉकेश ने संगठन की गतिविधियों पर प्रकाश डाला एवं कार्यक्रम का संयोजन किया। इस अवसर पर उपस्थित महाविद्यालय की पूर्व छात्राओं ने अपने-अपने विचार रखे। श्रीमती बबीता दत्ता ने कहा कि मैं इस महाविद्यालय में एम.ए. अथर्शास्त्र की छात्रा तथा छात्रसंघ की सचिव रही हूंँ। महाविद्यालय के शिक्षकों से प्रेरणा लेकर मैनें अनुभूति फाऊण्डेशन की स्थापना की है जो गरीब परिवार की मदद करता है। पुराने कपड़ों की सहायता से सेनेटरी नेपकीन बनाकर निर्धन परिवारों को उपलब्ध कराते है जो कि पूणर्त: नि:शुल्क है। श्रीमती शिखा द्विवेदी ने कहा कि यहाँ आकर मेरी पुरानी यादी ताजा हो गई। छिंदवाड़ा से आई ज्योति पटेरिया ने अपने विद्यार्थी जीवन की घटनाओं का जिक्र किया। इसी तरह अनिता तिवारी, सीमा सिंघानिया, श्रीमती रिजवाना, ऋतु पाण्डेय, सोमा देव आदि ने भी अपने संस्मरण सुनाये।
इस सम्मेलन में ८० भूतपूर्व छात्राएँ उपस्थित हुयी तथा उन्होनें ‘छोटी बहनझ् छात्रवृत्ति योजना में निरंतर सहभागिता दर्शाने आर्थिक सहयोग देने को कहा तथा कुछ ने अंग्रेजी, कुकिंग, फैशन डिजाईनिंग का नि:शुल्क प्रशिक्षण देने का वादा किया। अंत में डॉ. रेशमा लॉकेश ने आभार प्रदर्शन किया।