श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में एनएसएस कार्यशाला
भिलाई। आधुनिक शिक्षा नैतिकता से दूर हो रही है। हमें विवेकानंद की दृष्टि को आत्मसात करना है। आज देश ने नई करवट ली है। इसमें एनएसएस (NSS) की बड़ी भूमिका हो सकती है। उक्त उद्गार एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारियों के लिए आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित करते हुए वैशाली नगर विधायक विद्यारतन भसीन ने व्यक्त किए। सामाजिक सद्भाव, राष्ट्रीय एकता एवं मानव अधिकार पर आयोजित इस कार्यशाला में विभिन्न राज्यों से आए कार्यक्रम अधिकारियों ने शिरकत की।श्री भसीन ने कहा कि मानवाधिकार पर केन्द्रित इस कार्यशाला ने नई दिशाएं तय कर दी हैं। उन्होंने सभी कार्यक्रम अधिकारियों का आह्वान किया कि वे समाज एवं राष्ट्र को जोडऩे के लिए प्रयत्नशील रहें। तभी भारत के विश्व गुरू बनने का सपना पूरा हो सकेगा।
यह कार्यक्रम भारत सरकार, युवा एवं खेल मंत्रालय दिल्ली, राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा विकास संस्थान, श्री पैरम्बदुर के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय सेवा योजना क्षेत्रीय निदेशालय भोपाल एवं छत्तीसगढ़ एनएसएस स्टेट सेल द्वारा दुर्ग विश्वविद्यालय की संगठन व्यवस्था के तहत किया गया।
दुर्ग विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एनपी दीक्षित ने कहा कि एनएसएस सारे देश को एकता के सूत्र में बांधता है। भारतीय संस्कृति हमेशा सेवा कार्य सिखाती है। हम जिसकी सेवा कर सकते हैं जरूर करे। जहां सेवा कि आवश्यकता है सेवा करे, सेवा समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचनी चाहिए।
श्रीगंगाजली शिक्षण समिति के अध्यक्ष आईपी मिश्रा ने कहा कि भिलाई सामाजिक सद्भाव का जीवंत प्रतीक है। यहां सभी राज्यों के लोग आपस में हिलमिल कर रहते हैं और एक दूसरे की संस्कृति का सम्मान करते हुए उसमें शामिल भी होते हैं। भिलाई ने विभिन्न प्रांतों के लोगों को मजबूती से जोड़ा है और एक आदर्श मिनी भारत के रूप में जाना जाता है।
श्रीगंगाजली शिक्षण समिति की उपाध्यक्ष श्रीमती जया मिश्रा ने कहा कि आज छात्रों ने बहुत अधिक तरक्की की है। परंतु ऐटीट्यूट में कमी आयी है। इंसान को खुद को बदलने की आवश्यकता है। सीखने की कोई उम्र नहीं होती और व्यक्ति जीवन भर सीखता रहता है। यदि आपके पास अच्छे लोग है तो आप स्वयं को बदल सकते हैं और समाज को बदलने की क्षमता रखते हैं।
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह ने कहा कि युवाओं को सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है। विभिन्न राज्यों से आये कार्यक्रम अधिकारियों एवं उपस्थित अतिथियों का आभार मानते हुए उन्होंने कहा कि यदि दुर्ग विश्वविद्यालय इस तरह के आयोजन हमको भविष्य में भी देते रहेंगे तो हम उस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न करायेगे।
आरंभ में दुर्ग विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आरपी अग्रवाल ने कहा कि इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में 18 से अधिक विशेषज्ञों ने विचार व्यक्त किया। वर्तमान में समाज को नैतिक मूल्य संस्कार एवं समाज को दिशा देने कि आवश्यकता है।
क्षेत्रीय निदेशक रासेयो क्षेत्रीय निदेशालय भारत सरकार, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भोपाल डीएन गढ़वाल ने कहा कि एनएसएस समाज में अच्छे आचरण को प्रस्तुत करता है। योजना का ध्येय है कि हमें ऐसे समूह का निर्माण करना है जिससे समाज में सद्विचार आये। यहां जो सीखा है उसे अपने आचरण में और समाज में फैलाने का प्रयास करेंगे।
कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आये कार्यक्रम अधिकारियों ने विगत पांच दिवसीय कार्यक्रम के संबंध में अपने अनुभव साझा किये। कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र, फोटो एवं कार्यक्रम की सीडी प्रदान की गई।
कार्यक्रम में छ.ग. राज्य के अतिरिक्त महाराष्ट्र, उड़ीसा एवं बिहार के प्रषिक्षक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विनय शर्मा ने किया।