भिलाई। यह सवाल रविवार सुबह उन लोगों से पूछा गया जो संडे तफरी का हिस्सा बनने के लिए सेन्ट्रल एवेन्यू पर पधारे थे। सिर्फ यही नहीं, कुछ और सवाल भी पूछे गए ताकि उनकी मदद की जा सके। तफरी में जहां अधिकांश लोग इसलिए आते हैं कि अपनी सेहत और अपना मूड ठीक कर सकें वहीं कुछ लोग ऐसे भी आते हैं तो स्वास्थ्य और सुख का प्रसार चाहते हैं। इन्हीं में से एक है आर्ट ऑफ लिविंग (जीने की कला) के इंस्ट्रक्टर। इंस्ट्रक्टर ईशा संडे तफरी में लोगों से उनकी खुशी के बारे में जानना चाह रही थीं। वह यह भी जानना चाहती थी कि उन्हें कौन सी बात परेशान करती है। उन्होंने इसके लिए बकायदा सर्वे फार्म भरवाए जिसमें व्यक्ति के बारे में मोटी मोटी जानकारी मांगी गई थी। साथ ही कुछ सवाल थे जिनके जवाब में विकल्प दिए गए थे। पूछा गया था कि वे अपनी जिन्दगी से कितना खुश हैं, उन्हें किस बात की ज्यादा चिंता रहती है, कौन सी बात उन्हें परेशान करती है।
ईशा ने बताया कि इन आंकड़ों का विश्लेषण किया जाएगा। इसके बाद सर्वे में भाग लेने वालों को अपनी जिन्दगी को बेहतर बनाने के सुझाव दिए जाएंगे। सैकड़ों लोगों ने एओएल का यह फार्म भरा और एक नई उम्मीद लेकर घर लौटे।