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सरकार के पास CTVS सर्जन पर OT नहीं

Mar 2, 2017

एस्कॉर्ट के पास है सरकारी भवन-ओटी-उपकरण
heart centreरायपुर। सरकार के पास 2-2 सीटीवीएस (CTVS) सर्जन हैं पर ओटी नहीं है। सरकारी ओटी और उपकरण फिलहाल एस्कॉर्ट अस्पताल के अधीन हैं। एस्कॉर्ट से अनुबंध की अवधि इसी अगस्त में समाप्त हो रही है। डीकेएस सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में जॉइनिंग देने वाले कॉर्डियक थोरोसिक सर्जन डॉ. केके साहू, डॉ. निशांत चंदेल अभी बायपास जैसी बड़ी सर्जरी नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि इनके पास ऑपरेशन थिएटर (ओटी) नहीं है। डॉक्टर्स का मानना है कि एस्कॉर्ट का भवन, ओटी, उपकरण सब सरकारी हैं तो फिर डीकेएस, अंबेडकर में अलग सुविधाएं विकसित करने की जरूरत ही क्या है?पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज ने सरकार को भेजे अपने प्रस्ताव में कहा है- ‘2003 में जब कॉलेज में कॉर्डियक एक्सपर्ट नहीं थे, तब भवन, मशीनें एस्कॉर्ट को सौंपी गई ताकि प्रदेश के मरीजों का इलाज हो सके। उन्हें सरकारी योजना का लाभ मिले। अब जब कॉलेज की कॉर्डियक यूनिट दिल की हर सर्जरी के लिए सक्षम है, तो सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल निजी संस्थान क्यों करे?Ó एस्कॉर्ट से अनुबंध अगस्त 2017 में समाप्त हो रहा है। सरकार अनुबंध आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। सेंट्रल कॉर्डियक यूनिट, सेंट्रल इंडिया की सबसे बड़ी यूनिट होगी। इसके लिए 30 करोड़ रुपए बजट की जरूरत पड़ेगी।
तब नहीं थे कार्डियोलॉजिस्ट
2003 में जिस समय सरकार ने एस्कॉर्ट हॉस्पिटल खोलने अनुबंध पर हस्ताक्षर किए, उस समय मेडिकल कॉलेज-अंबेडकर अस्पताल में कॉर्डियोलॉजिस्ट नहीं थे। लेकिन अब एक बड़ी कैथलैब यूनिट है। 3 कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. स्मिथ श्रीवास्तव, डॉ. पार्थ स्थापक, डॉ. बजरंग बंसल के साथ-साथ कॉर्डियक थोरोसिक सर्जन डॉ. केके साहू, डॉ. निशांत चंदेल पदस्थ हैं।
फोर्टिस हुआ बेजार
फोर्टिस प्रबंधन रायपुर एस्कॉर्ट हॉस्पिटल को चलाना नहीं चाहता। सरकार की संजीवनी योजना से उसका अनुबंध समाप्त कर दिया गया है। अस्पताल घाटे में है। पूरी यूनिट निजी अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए दो निजी अस्पतालों से बातचीत का दौर जारी है। हालांकि इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं हुई है।
यह भी होगा फायदा
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स का कहना है कि भविष्य में इलेक्ट्रो फिजियोलॉजी, पीडियाट्रिक कॉर्डियोलॉजी भी शुरू की जानी है। असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर होने से 2 डीएम, 2 एमसीएच की सीट भी मिल सकती हैं। हर साल अगर सुपरस्पेशलिस्ट निकलते हैं तो राज्य के अन्य जिलों के सरकारी अस्पताल में कॉर्डियक सुविधा विकसित की जा सकती है।
अभी समय है
मेडिकल कॉलेज से एकॉर्ट हॉस्पिटल से संबंधित प्रस्ताव आया है, फिलहाल इस पर कोई विचार नहीं चल रहा है। अभी समय है।
सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग

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