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बच्चों पर इंटरनेट, गुस्सा, गर्लफ्रेंड, बॉयफ्रेंड हावी इसलिए चाहिए काउंसलर

Sep 2, 2017

रायपुर। स्कूलों में आज काउंसलर की कमी है। शिक्षक बच्चों की अनुशासनहीनता पर उसे समझाइश देते हैं, लेकिन उनके भीतर इस तरह का व्यवहार क्यों आ रहा है। यह जानने के लिए हर स्कूल काउंसलर के जरिए गाइडेंस की जरूरत है। जब वह स्कूल पहुंचता है तो उम्र के आधार पर उसके लिए काउंसलर जरूरी है।रायपुर। स्कूलों में आज काउंसलर की कमी है। शिक्षक बच्चों की अनुशासनहीनता पर उसे समझाइश देते हैं, लेकिन उनके भीतर इस तरह का व्यवहार क्यों आ रहा है। यह जानने के लिए हर स्कूल काउंसलर के जरिए गाइडेंस की जरूरत है। जब वह स्कूल पहुंचता है तो उम्र के आधार पर उसके लिए काउंसलर जरूरी है। यह कहना था शिक्षा मनौवैज्ञानिक, प्रशिक्षक एवं आईसीटीआरसी के डायरेक्टर जनरल डॉ.वी एस रविंद्रन का। उन्होंने राजधानी के राजकुमार कॉलेज में आयोजित विद्यार्थी जीवन की समस्याओं और वर्तमान समय में शिक्षक-विद्यार्थी संबंध पर अपना वक्तव्य रखा। डॉ. रविंद्रन ने कहा कि आज उम्र बढऩे के हिसाब से ही बच्चों के भीतर गर्ल और ब्वाय फ्रेंड फीलिंग, इंटरनेट फोबिया, गुस्सैल होना, छोटी-छोटी बात में ही नाराज हो जाना आदि की समस्या देखी जा रही है। इसके अलावा भी बच्चों में सेक्स, रिलेशनशिप, ड्रग्स की गंदी आदतें भी पड़ जाती हैं। इनसे पढ़ाई प्रभावित हो जाती है। इसके लिए काउंसलर जरूरी है।
डॉ. रविंद्रन ने कहा कि ज्यादातर स्कूलों में बच्चे गुस्सा करते हैं, होमवर्क करके नहीं आते हैं। गलती बच्चों की नहीं, आपकी है। उन्होंने पैरेंट्स के लिए कहा कि आप जिस व्यवहार का प्रदर्शन बच्चों के सामने करते हैं, बच्चे भी ठीक वही व्यवहार सीखते हैं, इसलिए मुंह से कुछ मत बोलिए, अपने आचरण और व्यवहार में सुधार लाइए, ताकि बच्चे सुधर सकें।
डॉ. रविंद्रन ने कहा कि अभिभावकों को पेरेंटिंग, टाइम मैनेजमेंट, स्ट्रेस मैनेजमेंट आदि से निजात तभी मिलेगी जब उनके बच्चों को बेहतर गाइडेंस मिले। उन्होंने कहा कि आजकल बच्चे जल्दी परिपक्व हो रहे हैं, यह परिपक्वता सकारात्मक कम और नकारात्मक अधिक आ रही है।
इंटरनेट का जाल फैला हुआ है, इसलिए सारी सूचनाएं सहज मिल रही हैं। बच्चे बुरी आदतों को जल्दी ही सीख लेते हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में आसानी से मिल रही सूचनाओं के कारण उनका पथभ्रष्ट हो रहा है। यानी वे गलत राह में चलने लगते हैं, जिनको रोकना हमारी जिम्मेदारी है।
इस मौके पर राजकुमार कॉलेज के प्राचार्य अविनाश सिंह, प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर केशव एस समेत शहर के कई स्कूलों के प्राचार्य शामिल हुए।

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