इंदौर। 40-45 वर्ष की उम्र के बाद महिलाएं हड्डी की गंभीर बीमारी आॅस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हो रही हैं। डॉक्टरों के मुताबिक दर्द की समस्या लेकर आने वाली हर चौथी महिला इस बीमारी से ग्रस्त है। ज्यादातर लोग इस बीमारी के साथ जी रहे है लेकिन जागरुकता के अभाव में इसके लक्षण और कारणों से अनजान बने हुए है। Apollo BSR के हड्डी रोग विशेषज्ञ ने कहा कि ओपीडी में 45 वर्ष से ज्यादा उम्र की हर महिला में यह रोग मिलता है। इसमें मरीज की हड्डियां जाले की तरह झिरझिरी दिखने लगती हैं।समय पर इलाज नहीं शुरू करने से हड्डियों में इतनी कमजोरी आ जाती है कि थोड़ा सा टकराने या गिर जाने पर हड्डी टूट जाती है। बीमारी की चपेट में आने पर हड्डी के जुड़ने की क्षमता भी बहुत कम हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक विश्वभर में 20 करोड़ लोग इस बीमारी के शिकार हो चुके हैं। 50 साल से ज्यादा उम्र की हर तीसरी महिला इस बीमारी की चपेट में है। डॉ. थोरा के मुताबिक समय रहते ध्यान नहीं देने पर कूल्हे की हड्डी टूटने का खतरा चार गुना बढ़ जाता है। खास तौर पर रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में ज्यादा बीमारी पायी जाती है।
इस वजह से होती है बीमारी
– भोजन में कैल्शियम और फास्फोरस नहीं लेने पर
– व्यायाम नहीं करने से
– बेहद आराम पसंद जिंदगी जीने से
– अत्यधिक दवाओं का सेवन करने से
– अव्यवस्थित जीवनशैली से
बीमारी से बचने के लिए यह करें
– नियमित व्यायाम
– मोटापे, धूम्रपान और शराब पीने से बचना
– कोल्ड ड्रिंक, जंकफूड, फास्टफूड से बचन
– दूध, दही, मक्खन, संतरा, मौसंबी, बादाम, बीन्स आदि का सेवन